कानपुर (ब्यूरो)। बिल्डर्स से रंगदारी वसूलने वाले 25 हजार के ईनामी कमलेश फाइटर और उसके साले सूरज को पुलिस ने बांदा से गिरफ्तार कर लिया। मंडे को मेडिकल के बाद दोनों को जेल भेजा गया। पुलिस के मुताबिक, कमलेश ने गिरफ्तारी से पहले अपना मोबाइल और तमंचा कहीं छिपा दिया है। इसे बरामद करने के लिए उसको रिमांड पर लिया जाएगा। वहीं, पुलिस कमलेश की बैैंक डिटेल और सीडीआर निकलवा रही है, जिससे कमलेश का ट्रांजेक्शन सामने आएगा। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कमलेश फाइटर ने लखनऊ, प्रयागराज, ओरछा, मध्य प्रदेश और इंदौर में फरारी काटी है। बैैंक अकाउंट में भी एक से डेढ़ लाख रुपये कमलेश के खाते में मिले हैं। कमलेश गैैंग के फरार साथियों की तलाश कर रही है।
ये हैैं कमलेश के गैैंग के शातिर बदमाश
पुलिस के मुताबिक, कमलेश फाइटर गैंग लीडर है। उसकी गैंग में शानू लफ्फाज, मो। रियाज, मुशीर, राजा त्रिपाठी, संजय पाल और सूरज काम करते हैं। इसके अलावा कमलेश के सिंडिकेट में लगभग 25 नाम सामने आए हैैं। एक-एक नाम पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। मोबाइल का कॉल रिकॉर्ड और बैैंक ट्रांजेक्शन के मिलान के बाद ही गैैंग में शातिरों की संख्या बढ़ जाएगी। पुलिस ने कमलेश की गिरफ्तारी के पहले कमलेश के गुरू संजय पाल उर्फ दद्दा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, वहीं दो दिन पहले ही रियाज को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। रियाज के मोबाइल से केडीए के कुछ बाबुओं के नाम भी मिले हैैं, जिन पर पुलिस जांच कर रही है। पुलिस ने कमलेश और गैैंग के शातिरों पर संगठित अपराध की धारा 111 लगाई गई है।
इस तरह से काम करता था सिंडिकेट
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कमलेश ने इंट्रोगेशन के दौरान बताया कि उसके साथ में 25 लोग हैं। ये लोग शहर में घूम घूम कर ये पता करते थे कि कहां-कहां मकान बन रहे हैैं या कहां पुराना मकान तोडक़र नया बनाया जा रहा है। यहां जाकर मकान बनवाने वालों को गलत तरीके से फंसाने की धमकी देता था और उसके बाद खबर चलाकर बदनाम करने को कहता था। धमकी देने पर लोग फंस जाते थे और 50 हजार से एक लाख रुपये दे देते थे। पूरा का पूरा सिंडिकेट इसी तरह से चल रहा था।
मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचा था कमलेश
फरारी के दौरान कमलेश अपने एक मिलने वालों के पास पहुंचा और मुख्यमंत्री जी से मिलवाने की बात कही। इस पर दूसरे पक्ष से कहा गया कि मुख्यमंत्री वांछित अपराधियों से नहीं मिलते हैैं। वहां से निराश होकर कमलेश जब लौट रहा था तो उसे बांदा से गिरफ्तार कर लिया गया। संडे को पकड़े जाने की खबर फैलते ही पुलिस बड़ी कार्रवाई नहीं कर सकी।
गैैंगस्टर लगाने की तैयारी शुरू
वसूली बाज कमलेश के खिलाफ बीते 20 दिनों में छह केस दर्ज किए गए हैैं। इसके पहले के भी पांच मामले दर्ज हैैं। कुल मिलाकर 11 मुकदमे दर्ज किए गए हैैं। इन 11 मुकदमों में छह में शामिल शातिरों की गिरफ्तारी की तैयारी पुलिस कर रही है वहीं पुराने पांच मामलों में भी पुन: विवेचना करा सकती है।
साले के साथ बांदा से छिपा था
एडीसीपी महेश कुमार ने बताया कि जो वीडियो बीते दिनों वायरल हुए थे वे बांदा से बनाए गए थे। कुछ वीडियो ओरछा के भी थे, जिनमें बैकग्राउंड दिखाई दे रहा था। कमलेश पहले उन्नाव और फिर अपनी ससुराल बांदा में जाकर फरारी काट रहा था। सर्विलांस की मदद से उसकी लोकेशन मिली और पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। पुलिस के मुताबिक कमलेश अंडर कंस्ट्रक्शन बिल्डिंगों की आईजीआरएस के जरिए केडीए में शिकायत करता था। इस तरह से लोगों को ब्लैकमेल करके करोड़ों रुपए कमाया।