कानपुर (ब्यूरो)। कानपुर सचेंडी के सब्जी विक्रेता सुसाइड कांड में आरोपी दरोगा और कांस्टेबल को क्लीनचिट देकर केस में एफआर लगाने वाले इंस्पेक्टर अनूप कुमार सिंह को पुलिस कमिश्नर ने सस्पेंड कर दिया। इसके साथ ही आरोपी इंस्पेक्टर के खिलाफ विभागीय जांच भी बैठा दी गई है। विवेचक ने साक्ष्यों को दरकिनार करके और पी?ित परिवार से ही शपथ-पत्र लेकर केस में एफआर लगा दी थी। एफआर को डीसीपी वेस्ट ने रिजेक्ट करके दोबारा जांच का आदेश दिया है।
कानपुर के सचेंडी में चौकी इंचार्ज सतेंद्र कुमार और कांस्टेबल अजय यादव पर वसूली और उत्पी?न का आरोप लगाते हुए सब्जी विक्रेता सुनील राजपूत ने सुसाइड कर लिया था। मामले में सचेंडी थाने में दोनों पुलिस कर्मियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने और रंगदारी की एफआईआर दर्ज हुई थी। इस केस की जांच सचेंडी थाने के अतिरिक्त इंस्पेक्टर अनूप कुमार सिंह को दी गई थी। विवेचक अनूप कुमार सिंह ने आरोपी दरोगा और सिपाही को बचाने के लिए खेल किया। मृतक सुनील राजपूत के अंतिम यानी सुसाइड से पहले के बयान को दरकिनार कर दिया। इतना ही नहीं पी?ित पर दबाव बनाकर आरोपी दरोगा और कांस्टेबल से समझौता कराकर शपथ-पत्र दिलाया कि इस केस में उन्हें कोई कार्रवाई नहीं करनी है।
इसी शपथ-पत्र के आधार पर विवेचक ने आरोपी दरोगा और कांस्टेबल को क्लीन चिट देते हुए केस में एफआर लगा दी। डीसीपी के पास एफआर पहुंची तो मामला बिग? गया और उन्होंने विवेचक अनूप कुमार सिंह को दो तीन पहले बीते शुक्रवार को सस्पेंड कर दिया। इसके साथ ही मामले की जांच दोबारा जांच का आदेश दिया है, अब सचेंडी थाना प्रभारी को जांच सौंपी है। इसके साथ ही जांच में खेल करने वाले विवेचक के खिलाफ विभागीय जांच भी बैठा दी है।
ये था पूरा मामला
सचेंडी में रहने वाले सब्जी विक्रेता सुनील राजपूत ने 13 मई 2024 की रात को फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया था। मरने से पहले सुनील ने अपने फेसबुक अकाउंट में दो वीडियो अपलोड किए थे। एक वीडियो में आत्महत्या के पीछे सचेंडी थाने की चकरपुर मंडी चौकी इंचार्ज सतेन्द्र कुमार और सिपाही अजय यादव के जबरन वसूली और उत्पी?न से आजिज होकर सुसाइड करने की बात कहते हुए वायरल कर दिया था। इसके बाद फांसी लगाकर जान दे दी थी। दोनों पर फ्री की सब्जी लेने और मारपीट का आरोप लगाया था। मृतक के भाई की तहरीर पर वीडियो के आधार पर आरोपी दरोगा सतेंद्र कुमार और कांस्टेबल अजय यादव के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने, रंगदारी समेत अन्य गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई थी। मामले की जांच सचेंडी थाने के सेकेंड इंस्पेक्टर अनूप कुमार सिंह कर रहे थे।