कानपुर (ब्यूरो)। साबरमती एक्सप्रेस हादसे की जांच के लिए मंडे को एटीएस और क्राइम ब्रांच की टीम घटनास्थल पर पहुंची। लगभग 200 से ज्यादा लोगों से इनवेस्टिगेशन की गई। साथ ही 9 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी चेक की गई, जिसमें अभी तक हादसे की ही पुष्टि हो रही है। कहीं आतंकी वारदात की सुगबुगाहट नहीं लग रही है। वहीं, शहर में तैनात एक तेज तर्रार एएसपी को भी मौके पर भेजा गया। ये एएसपी आतंकी घटनाओं से लेकर लोकल क्रिमिनल और माफिया का नेक्सस तोडऩे में माहिर हैैंं। नाम न छापने की शर्त पर उन्होंने बताया कि पांच किलोमीटर तक का डाटा डंप कर जांच के लिए सीनियर ऑफिसर्स ने निर्देश जारी किए हैैं।

लखनऊ टीम करेगी सीन रीक्रिएट
मंडे को पुलिस अधिकारियों ने लखनऊ की फॉरेंसिक टीम को लेटर लिखा है। जिसमें जल्द ही सीन रीक्रिएट कर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। एटीएस की टीम ने 2000 लोगों के बयान दर्ज किए हैैं। टीम ने रेलवे अधिकारियों से भी बातचीत की। लोको पायलट और गार्ड से भी जानकारी जुटाई है। एटीएस ने पनकी पुलिस से आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाले हैं। डीसीपी वेस्ट राजेश कुमार सिंह ने बताया कि लोको ड्राइवर समेत अन्य लोगों को सफीना जारी किया है। जल्द ही इन सभी के बयान दर्ज किए जाएंगे।

फ्रेश हीटिंग के मिले संकेत
अब तक की जांच में फ्रेश हीटिंग के निशान मिले हैं। जांच में पता चला है कि इमरजेंसी ब्रेक लगाने की वजह से कैटल गार्ड स्टोन स्लीपर से टकराया, जिससे वह मुड़ गया। इसके आगे के व्हील और 22 बोगी पटरी से उतर गए। इससे ये प्रतीत होता है कि डिरेलमेंट रेल के टुकड़े को रेल ट्रैक पर रखने की वजह से हुआ। आशंका है कि रेल का टुकड़ा ट्रैक पर किसी अज्ञात व्यक्ति ने रखा।

ट्रैक, व्हील बनाने वाले डिपार्टमेंट भी इनवेस्टिगेशन में शामिल
टीम ने ट्रैक, व्हील और वैगन व कैरिज विभाग के लोगों से इनवेस्टिगेशन शुरू कर दी है। रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग और सीनियर लोको पॉयलट से इस बात की जानकारी की जा रही है कि कितनी दूरी से ब्रेक एप्लाई किए गए और कितनी दूरी पर ब्रेक लगे। रेलवे ट्रैक पर मिले स्किडिंग साइन और क्षतिग्रस्त कोच के व्हील स्किडिंग रिपोर्ट भी मांगी गई है। घटनास्थल से टीम ने गिट्टïी का पाउडर भी कलेक्ट किया है। एटीएस की इनवेस्टिगेशन विंग ने उन क्षतिग्रस्त बोगियों की रिपोर्ट कोचेस की रिपोर्ट भी मांगी है। घटनास्थल से मिले इविडेंसेस पर भी टीम ने काम करना शुरू कर दिया है।


कपूरथला से कोच टेक्नीशियन टीम
कपूरथला में रेलवे कोच बनते हैैं, लिहाजा कपूरथला से कोच टेक्नीशियन टीम ये बताएगी कि कितनी दूरी से ब्रेक एप्लाई की गई थी और कितनी दूरी से एप्लाई की जाती तो ये ट्रेन रुक जाती। कानपुर कमिश्नरेट में उन पुलिस कर्मियों की लिस्टिंग की गई है जो आतंकी मामलों में इनवेस्टिगेट कर चुके हैैं। इन सभी को भी इस टीम में शामिल किया जाएगा। ये हादसा है या आतंकी साजिश, इसकी जानकारी के लिए बीते 15 साल में हुए रेल हादसों की मोडस अप्रेंडी देखी जा रही है। मुख्यालय से इस मामले में हर बारीक से बारीक चीज को शामिल करने के लिए कहा गया है। एक सप्ताह के अंदर मुख्यालय से रिपोर्ट देने को भी कहा गया है।

एसआईटी करेगी हर बिंदू पर पड़ताल
ये हादसा है या आतंकी साजिश इसकी जांच के लिए डीसीपी वेस्ट राजेश कुमार सिंह के नेतत्व में एसआईटी बनाई गई है। इंस्पेक्टर पनकी मानवेंद्र सिंह के अलावा निरीक्षक सुनील कुमार त्रिपाठी, डीसीपी वेस्ट ऑफिस में तैनात राकेश कुमार सिंह, एसआई पुष्पराज सिंह, मुजम्मिल हुसैन, प्रियंका यादव, कॉन्स्टेबल सुधीर चौधरी, गौरव सिंह, कुलदीप यादव और महिला कॉन्स्टेबल रीनू इस टीम में हैं। ये एक्सीडेंट से जुड़े हर एक पॉइंट पर जांच-पड़ताल करेंगे।

चीफ सेफ्टी ऑफीसर की टीम जांच करेगी
प्रयागराज मंडल के चीफ सेफ्टी ऑफिसर की कमेटी भी हादसे की जांच करेगी। ट्रेन दुर्घटना के समय से ही रेलवे के सभी विभागों ने अपनी-अपनी जांच शुरू कर दी है। इसमें रेलवे का सिविल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, ऑपरेशन और आरपीएफ अपने-अपने स्तर से जांच कर रहे हैं। ये विभाग अपनी-अपनी रिपोर्ट सीएसओ को सौंपेंगे, इसके बाद रिपोर्ट का रिव्यू किया जाएगा। फिर हादसे के पीछे के सटीक कारणों का पता चल सकेगा।