कानपुर (ब्यूरो)। सिटी में पॉवर की डिमांड बढऩे के साथ ही नए इलेक्ट्रिसिटी सबस्टेशन बनाने की भी मांग बढ़ रही है। लेकिन, नए सबस्टेशन के लिए स्पेस की समस्या सामने आ रही है। इसे देखते हुए सिटी में पहली बार केस्को जीआईएस सबस्टेशन बनाएगा। यह अब तक बनाए जा रहे सबस्टेशंस की तुलना में आधे स्पेस में ही बन जाएगा। इसकी शुरुआत दादा नगर इंडस्ट्रियल एरिया से केस्को करने जा रहा है। यहां 7.32 करोड़ रुपए से 20 एमवीए कैपेसिटी का सबस्टेशन बनाया जाएगा। इसके साथ ही सिटी में 6 अन्य सबस्टेशन बनाए जाएंगे।

11 लाख किवॉ से अधिक बढ़ा
दरअसल हर वर्ष हजारों की संख्या में कन्ज्यूमर्स की संख्या बढ़ रही है। फाइनेंशियल ईयर 2022-23 की तुलना में बीते वर्ष में 27 हजार से अधिक कन्ज्यूमर्स बढ़ गए। इसके साथ ही पॉवर की डिमांड भी बढ़ती जा रही है। नए कन्ज्यूमर्स के साथ पुराने कनेक्शंस में लोड इनक्रीज हो रहा है। इनकी वजह से फाइनेंशियल ईयर 2022-23 की अपेक्षा बीते वर्ष में 11 लाख किलोवॉट से अधिक लोड बढ़ गया। जिससे सबस्टेशन ओवरलोडिंग का शिकार हो गए।

मेन सिटी में जगह मिलना मुश्किल
साउथ या आउटर एरिया में स्थित सबस्टेशंस में स्पेस होने की वजह एक्स्ट्रा पॉवर ट्रांसफार्मर लगाकार उनकी क्षमतावृद्धि करना आसान हैं। लेकिन मेन सिटी या घनी आबादी वाले एरिया में स्टैंडड्र्स के मुताबिक इलेक्ट्रिसिटी सबस्टेशन के लिए 1500 स्क्वॉयर मीटर जमीन मिलना मुश्किल हो चुका है। पॉवर की डिमांड या लोड इन्हीं एरिया में तेजी से बढ़ रही है। इस समस्या के हल के लिए जीआईएस(ज्योग्र्राफिक इनफार्मेशन सिस्टम)बेस्ड सबस्टेशन बनाने की केस्को ने तैयारी की है।

ये होती हैं जीआईसी सबस्टेशन की खूबी
केस्को इंजीनियर के मुताबिक जीआईएस सबस्टेशन 750 स्क्वॉयर मीटर एरिया में बन जाएगा। जबकि अब तक बन रहे सबस्टेशन का स्टैंडर्ड एरिया 1500 स्क्वॉयर मीटर हैं। जीआईएस सबस्टेशन में 33 केवी ब्रेकर, प्रोटक्शन, करंट व पोटेंशियल ट्रांसफार्मर, लाइटनिंग अरेस्ट, आइसोलेटर आदि के लिए अलग से स्पेस की जरूरत नहीं होती है। कन्ट्रोल रूम में सबकुछ इनबिल्ट हो जाता है। जिससे स्पेस की समस्या हल हो जाती है। नॉर्मली ऐसे सबस्टेशन ट्रांसमिशन बनाता है। झाड़ी बाबा का पड़ाव में बना फूलबाग 220/132 केवी प्राइमरी सबस्टेशन भी जीआईएस है।