कानपुर (ब्यूरो)। रोड एक्सीडेंट और इनमें होने वाली मौतों में कानपुर यूपी में नंबर वन है। हादसों का एक अहम कारण रोड पर घूमने वाले आवारा जानवर हैं। सिटी में गली-मोहल्लों और मेन रोड के साथ हाईवे तक में ये जानवर धमाचौकड़ी कर रहे हैं। क्योंकि चारागाहों पर अवैध कब्जे हैं। अवैध कब्जा करने वालों में केवल भूमाफिया ने ही नहीं बल्कि गवर्नमेंट डिपार्टमेंट भी शामिल हैं। उन्होंने डेवलपमेंट की होड़ में जानवरों के लिए चारागाहों को भी नहीं छोड़ा और उनमें हाउसिंग स्कीम डेवलप कर दी है। इसका खुलासा हाईकोर्ट में एक कंटेम्प्ट रिट पिटीशन में केडीए के जवाब से हुआ है। चारागाह खत्म होने की वजह से भोजन की तलाश में स्ट्रीट एनीमल गली-मोहल्लों और मेन रोड ही हाईवे तक में घूम रहे हैं।

हाउसिंग स्कीम से कवर 179 हेक्टेयर
दरअसल सिटी में ही रहने वाले दिनेश चन्द्र सचान ने हाईकोर्ट में रिट पिटीशन फाइल की थी। इसमें उन्होंने 15 गांवों के 346 गाटों की 272.1301 हेक्टेयर एरिया में चारागाह होने का दावा किया था। हालांकि उनकी कंटेम्प्ट पिटीशन में केडीए ने बताया कि 15 गांवों के 341 गाटों की 260.283 हेक्टेयर जमीन चारागाह के रूप गवर्नमेंट रिकॉर्ड में दर्ज है। इसमें से चारागाह की 179 हेक्टेयर से अधिक जमीन हाउसिंग स्कीम से कवर है। इसमें से भी 31.425 हेक्टेयर जमीन पर डेंस पापुलेशन हैं।

जिससे वो भूखे न रहें
पूर्व एसडीएम डीपी वर्मा के मुताबिक पहले चारागाह के रूप में जमीन इसलिए छोड़ी जाती थी ताकि जानवरों को भोजन (घास आदि) मिल सके। वह भूखे न रहें और उन्हें भोजन के लिए कहीं भटकना पड़ा। लेकिन शहर के तालाबों की तरह ही एनीमल्स के भोजन के लिए छोड़ी गई चारागाह की जमीनों पर भूमाफिया की नजर पड़ गई। उन्होंने इस कब्जा कर लिया और प्लाटिंग कर जमीनें बेंच डाली।

केडीए ने बसा दी हाउसिंग स्कीम
चारागाहों की जमीन पर भूमाफियाओं के कब्जे की बात तो समझ आती है लेकिन एक जिम्मेदार विभाग होने के बजाए केडीए ने भी अपनी हाउसिंग स्कीम्स में चारागाहों की जमीनों को कवर कर लिया। जिससे शहर के ज्यादातर चारागाह खत्म हो गए। मजबूरन अब जानवरों को भोजन की तलाश में गली-मोहल्ले, मेन रोड और हाईवे पर भटकना पड़ रहा है। जिसकी वजह से अक्सर लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं।

ये है चारागाहों की स्थिति
गांवों की संख्या-- 15
जमीन के गाटों की संख्या--341
टोटल एरिया-- 341 हेक्टेयर
हाउसिंग स्कीम से कवर गाटे--236
टोटल एरिया--179.807 हेक्टेयर
डेंस पापुलेशन से कवर गाटे--43
टोटल एरिया --31.426 हेक्टेयर

इन एरिया में चारागाह

-- 2024 में बर्रा में दो साड़ों के बीच लड़ाई में फंसकर साइकिल सवार किशोर की मौत
-- 2024 में रेलबाजार में साड़ के हमले से 65 वर्षीय बुजुर्ग की मौत
-- 2023 में पनकी में साड़ की स्कूटी सवार स्टूडेंट प्रखर की मौत
-- 2023 में कोपरगंज में साड़ के हमले से 70 वर्षीय महिला की मौत
-- 2023 में काकादेव में साड़ के हमले से विमल की मौत
-- बंबा रोड गुमटी में बीटेक स्टूडेंट शुभम की मौत
-- नौबस्ता में फ्रीडम फाइटर की स्ट्रीट एनीमल्स ने ली मौत
-- कैनाल पटरी में एक व्यक्ति को साड़ ने मार डाला