कानपुर (ब्यूरो)। आइआइटी कानपुर ने अपने पीएचडी छात्रों के लिए फेलोशिप की बड़ी घोषणा की है। संस्थान में शोध कार्य कर रहे छात्र-छात्राओं को पांच साल में शोध पूरा कर लेने पर पोस्ट डाक्टरल फेलोशिप का पुरस्कार दिया जाएगा। इसके तहत शोधार्थियों को वह सभी सुविधाएं दी जाएंगी जो प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले पोस्ट डाक्टरल फेलो को दी जाती हैं। इससे संस्थान के लगभग ढाई सौ शोधार्थियों को हर साल लाभान्वित होने का मौका मिल सकेगा।

कम समय में काम करने का
आइआइटी कानपुर की पोस्ट डाक्टरल फेलोशिप योजना क&ो उ&च गुणवत्ता वाले शोध कार्य और समयबद्ध अनुसंधान के दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। शोधार्थियों के अनुसार इससे निर्धारित समयावधि में काम पूरा करने का जज्बा विकसित होगा और शोध कार्य पूरा करने के बाद अनुसंधान कार्य से जुडऩे का अवसर भी मिल सकेगा।

पोस्ट डाक्टरल फेलोशिप
आइआइटी के डीन एकेडमिक प्रो। शलभ ने बताया कि नई व्यवस्था के तहत शोधार्थियों को एक साल के लिए संस्थान की पोस्ट डाक्टरल फेलोशिप दी जाएगी। यह फेलोशिप उन्हीं शोधार्थियों को मिलेगी जिनका शोध कार्य पांच साल में पूरा हो गया हो। साथ ही उनके शोधकार्य को किसी प्रतिष्ठित जर्नल ने प्रकाशित भी किया हो। अगर किसी की पीएचडी पांच साल बाद और साढ़े पांच साल से पहले पूरी होती है तो उसे एक साल की बची हुई अवधि के लिए पोस्ट डाक्टरल फेलोशिप दी जाएगी।

हर साल ढाई सौ पीएचडी
आइआइटी के विभिन्न विभागों में वैश्विक स्तर के शोध कार्य कराए जा रहे हैं। हर साल औसतन ढाई सौ पीएचडी उपाधि शोधार्थियों को दी जाती है। कई शोधकार्य विदेशी शिक्षण संस्थानों के प्रोफेसरों के साथ भी पूरे कराए जाते हैं। पोस्ट डाक्टरल फेलोशिप की नई व्यवस्था से ऐसे सभी शोधार्थियों को समय से शोध कार्य पूरा करने की प्रेरणा मिलेगा।

आवास, भत्ता समेत अन्य सुविधाएं
अभी पीएचडी करने के बाद छात्र-छात्राओं को पोस्ट डाक्टरल फेलोशिप के लिए आइआइटी और दुनिया के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में आवेदन करना पड़ता है। प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ऐसी फेलोशिप के लिए चयनित किया जाता है। आइआइटी में पोस्ट डाक्टरल फेलोशिप करने वाले विद्यार्थियों को आवास व भत्ता समेत विभिन्न सुविधाएं दी जाती हैं जो वार्षिक तौर पर लगभग 11 से 12 लाख रुपया या अधिक हो सकता है।