कानपुर (ब्यूरो)। गर्मी शुरू होते ही हजारों कानपुराइट्स लो वोल्टेज की प्रॉब्लम से जूझते हैं। सालों से शहर के कई एरिया में ये स्थिति बनी हुई है। पूरी रात प्रॉब्लम बनी रहने से लोगों की नींद भी पूरी नहीं हो पाती है। लेकिन अब आपकी नींद चुराने वाले केस्को को इसकी कीमत चुकानी होगी। सप्लाई क्वालिटी खराब होने यानि स्टैंडर्ड से 6 परसेंट से कम वोल्टेज (सिंगल फेज ) की प्रॉब्लम बने रहने पर कन्ज्यूमर केस्को से बाकायदा मुआवजा वसूल वसूल सकते हैं। 50 रुपए प्रति दिन के हिसाब से केस्को को मुआवजा देना होगा। इसके लिए यूपीईआरसी की गाइडलाइंस के मुताबिक कन्ज्यूमर ग्र्रीवांस रिड्रेसल फोरम बनाने भी शुरुआत हो गई है।
विद्युत लोकपाल में अपील
लो वोल्टेज के अलावा पॉवर क्राइसिस, गलत बिलिंग, कनेक्शन, परमानेंट डिस्कनेक्शन, एरियर
में गड़बड़ी आदि को लेकर भी फोरम में अपील कर कंज्यूमर कंपनसेशन ले सकता है। समय पर शिकायतें हल न किए जाने पर लोवोल्टेज की तरह कंपनसेशन का प्राविधान है। यूपी इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन के आदेश पर केस्को एरिया में 60 से अधिक कन्ज्यूमर ग्र्रीवांस रिड्रेसल फोरम बनाई जानी है। फोरम का डिसीजन कन्ज्यूमर व केस्को दोनों को मानना होगा। डिसीजन के खिलाफ कम्पनी लेवल फोरम या विद्युत लोकपाल में जरूर अपील की जा सकती है।
गर्मी में बढ़ जाती है समस्या
केस्को के मीडिया प्रभारी श्रीकांत रंगीला ने बताया कि सिंगल फेज कनेक्शन में 220 और थ्री फेज में 440 वोल्टेज होना चाहिए। यही स्टैंड्र्ड है। इसके मुताबिक ही पॉवर सप्लाई की जा रही है। हालांकि गर्मी में पॉवर की डिमांड बढऩे पर नौबस्ता, बर्रा विश्व बैंक, कल्याणपुर, दहेली सुजानपुर, सर्वोदय नगर, विकास नगर , गोविन्द नगर, हैरिसगंज आदि डिवीजंस के दर्जनों इलाकों में यह समस्या खड़ी हो जाती है। लो वोल्टेज के कारण लोगों को सबसे अधिक समस्या रात में उठानी पड़ती है। इसी वजह से हंगामा भी हुआ करता है।
हजारों की संख्या में शिकायतें
सिटी में केस्को के 4 सर्किल, 20 डिवीजन, 43 सबडिवीजन और 93 सबस्टेशन हैं। 7 लाख से अधिक लोगों ने अपने घर, दुकानों, शोरूम, फैक्ट्री आदि के लिए इलेक्ट्रिसिटी कनेक्शन ले रखे। हर महीने हजारों की संख्या में लोग मेल, आईजीआरएस, कॉल सेंटर (कॉल करके), डाक , शिकायती पत्र, केस्को ऑफिसर्स से मिलकर आदि तरीकों से शिकायतें करते हैं। ये लो वोल्टेज,पॉवर क्राइसिस, खराब मीटर न बदलने, नए कनेक्शन, नया मीटर न लगने, परमानेंट डिसकनेक्शन, गलत बिलिंग, परमानेंट डिसकनेक्शन आदि को लेकर करते हैं। इनमें से काफी संख्या में ऐसे मामले भी होते हैं, जिनमें एसडीओ, एक्सईएन के डिसीजन से कन्ज्यूमर संतुष्ट नहीं होते हैं। वह सिविल लाइंस स्थित केस्को मुख्यालय में एमडी, चीफ इंजीनियर, डायरेक्टर के पास शिकायत लेकर पहुंचते हैं। हल न होने पर कन्ज्यूमर आईजीआरएस और केस्को मुख्यालय स्थित उपभोक्ता व्यथा निवारण फोरम में अपील करता है।
लंबी दौड़ भी नहीं लगानी पड़ेंगी
यूपीईआरसी की गाइडलाइंस के मुताबिक केस्को एरिया में भी डिवीजन, सबडिवीजन, सर्किल, जोन लेवल पर फोरम बनाई जानी है। यानि लोगों को अपनी समस्याएं, शिकायतों के हल के लिए बिजलीघर परेड या केस्को हेडक्वार्टर सिविल लाइंस की दौड़ नहीं लगानी पड़ेंगी।
-- यूपीईआरसी की गाइडलाइंस के मुताबिक केस्को एरिया में कन्ज्यूमर ग्र्रीवांस रिड्रेसल सीजीआरएफ गठित की जा रही है। गाइडलाइंस के मुताबिक अपील की हियरिंग भी हो रही है.-- श्रीकांत रंगीला
फोरम में की जा सकेंगी ये शिकायतें
सबडिवीजन फोरम: नए कनेक्शन (एलटी), एक्स्ट्रा लोड, बकाया आदि वजह से डिसकनेक्शन-रीकनेक्शन, 50 हजार रुपए से कम बिल के विवाद, इंट्रेस्ट आदि
डिवीजन लेवल फोरम: मीटर रीडिंग, खराब व जला मीटर बदलना, 1 मेगावॉट तक एचटी लोड के लिए कनेक्शन, एक्स्ट्रा लोड, बकाए के कारण डिसकनेक्शन-रीकनेक्शन, 50 हजार से 5 लाख के बिल संबंधी विवाद, इंट्रेस्ट
सर्किल लेवल: टेम्प्रेरी डिसनेक्शन, पॉवर ट्रांसफॉर्मर परिवर्तन, 1 मेगावॉट से अधिक एचटी लोड के लिए नया कनेक्शन, एक्स्ट्रा लोड, 5 से 15 लाख रुपए तक के बिल संबंधी विवाद आदि
जोनल लेवल फोरम:--15 लाख से एक करोड़ तक के बिल संबंधी विवाद आदि
कम्पनी लेवल फोरम-- कॉल सेंटर संबंधी शिकायतें, एक करोड़ या इससे अधिक के बिल संबंधी विवाद, निचले फोरमों की सभी अपील की सुनवाई आदि