कानपुर (ब्यूरो)। सर्दी की दस्तक के साथ ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ गया है। हैलट हॉस्पिटल की ओपीडी में रोजाना तीन से चार पेशेंट पैरालिसिस अटैक से ग्रसित होकर पहुंच रहे हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि मौसम में अचानक हुए बदलाव व ठंड में लापरवाही के कारण स्ट्रोक के मामले बढ़ गए हैं। इसमें मुंह और आंखें टेढ़ी होने के साथ बॉडी का आधा पार्ट काम करना बंद कर देता है। साथ ही, मरीज को बोलने में भी दिक्कत आती है। इन शुरुआती लक्षणों को देखकर ही अगर समय पर ट्रीमेंट शुरू हो जाए तो स्थिति को कंट्रोल किया जा सकता है।
नर्व में आ जाती है सूजन
ठंड के मौसम में चेहरे के लकवा के रोगी बढऩे लगे हैं। वायरल संक्रमण से कान के अंदर नर्व में सूजन आ जा रही है। इससे चेहरे की मांसपेशियों को लकवा मार जा रहा है। हैलट की ओपीडी और ईएनटी डिपार्टमेंट के एक्सपर्ट के यहां ऐसे पेशेंट की संख्या बढऩे लगी है। इसके अलावा इमरजेंसी में भी दो से तीन पेशेंट पैरालिसिस के अटैक के एडमिट हो रहे हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक यह अटैक मौसम के बदलाव के दौरान अधिक आने की आशंका होती है।
बदलते मौसम में लापरवाही ठीक नहीं
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रो। एके गौतम ने बताया कि ठंड में लापरवाही के कारण रोग का हमला बढ़ गया है। इस रोग में जान तो नहीं जाती लेकिन चेहरे पर टेढ़ापन आने के साथ बॉडी का आधे अंग काम करना बंद कर देते हैं। पलक नहीं झपकती है। आवाज साफ नहीं निकलती है। पेशेंट को इलाज से ठीक होने में दो-तीन महीने लग जाते हैं।
डेली एडमिट हो रहे तीन से चार पेशेंट
हैलट की ओपीडी व इमरजेंसी में तीन-चार पेशेंट डेली आ रहे हैं। इसके अलावा नाक, कान, गला रोग एक्सपर्ट के यहां रोगियों की संख्या बढ़ रही है। ईएनटी डिपार्टमेंट के एचओडी प्रो। एसके कनौजिया ने बताया कि जब से ठंड बढ़ जाती है तो पेशेंट की संख्या में इजाफा होना शुरू हो जाता है। वायरल संक्रमण से भी नर्व में सूजन आती है। इस समय ठंड की एंट्री होने के साथ मौसमी वायरल संक्रमण भी फैला हुआ है। ठंड के एक्सपोजर से सर्दी-जुकाम, खांसी लंबे समय तक बने रहने से भी नर्व में सूजन आ जाती है।
ऐसे होता है असर
कान से होकर नर्व चेहरे पर जाती है। इसमें सूजन आने से चेहरे की मांसपेशियों में खून का बहाव प्रभावित होता है। इससे चेहरे में टेढ़ापन आ जाता। नर्व प्रभावित होने से पलक के झपकने में भी दिक्कत आती है। नर्व की सूजन ठीक होने के बाद चेहरा सामान्य हो जाता है।
ठंड में इन बातों का रखें ध्यान
- अधिक ठंड में अर्ली मॉर्निंग टहलने न जाएं
- ठंडे की जगह पानी गर्म करके ही नहाएं
- धूप निकलने के बाद ही बाहर निकलें
-सीनियर सिटीजंस 24 घंटे वुलन पहन कर रखें
- कान में दर्द हो तो तुरंत एक्सपर्ट को दिखाएं
- जुकाम, खांसी और ठंड से बचाव करें
- अचानक आवाज लड़खड़ाए तो डॉक्टर को दिखाएं
- अचानक चेहरे पर टेढ़ापन आए तो अलर्ट हो जाएं