कानपुर (ब्यूरो)। &मेरी मौत का जिम्मेदार गंगा राम पासी ग्रा। व पो। हरौनी लखनऊ निवासी है। जो कि मेरी पूरी खेती धोखे से अपने व अपनी पत्नी के नाम लिखवा ली है। और जब हमने कहा तो हमें जान से मारने की धमकी दी है। हम अपनी हत्या करने जा रहे हैैं। बीरेन्द्र कुमार तिवारी (मोहन)&य ये सुसाइड नोट लिखने के बाद कल्याणपुर में अधेड़ ने फांसी लगाकर जान दे दी। दो दिन तक शव लटका रहा, किसी को जानकारी नहीं हुई। स्मेल आने पर वहां से निकल रहे राहगीरों ने जाकर देखा तो शव लटक रहा था। जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुिलस ने शव कब्जे में लेकर जांच शुरू की।
शव मिलने की जानकारी होने पर आस पास के लोग मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने शिनाख्त कराई तो शिनाख्त ट्रैवेल एजेंसी संचालक वीरेन्द्र उर्फ मोहन के रूप में हुई। वीरेन्द्र उर्फ मोहन के परिवार में पत्नी, दो बेटे थे। बड़े बेटे ने एक साल पहले सुसाइड कर लिया था। बेटे की मौत से परेशान वीरेन्द्र उबर भी नहीं पाये थे कि एक महिला ने उनकी प्रापर्टी को झांसे में लेकर औने पौने दाम में खरीद लिया।
जिसे लेकर विवाद चल रहा था। लगातार डिप्रेशन में चल रहे वीरेन्द्र दो दिन पहले घर से निकले थे, लेनिक लौट कर नहीं आये तो फैमिली मेंबर्स ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस तलाश कर ही रही थी आज सुनसान क्षेत्र में पेड़ से लटकता शव मिलने की जानकारी पुलिस को मिली। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर छानबीन करते हुए वीरेन्द्र के परिजनों को भी बुलाया। पत्नी ने शव देखते ही बदहवास हो गयी।