कानपुर (ब्यूरो)। अगर समय रहते आपने डेंगू की पहचान कर ली तो इसके जानलेवा डंक से बचा जा सकता है। डेंगू से घबराने की जरूरत नहीं हैं, बस इससे लडऩे की जरूरत है। अगर फीवर एक दो दिन में नहीं उतरता है तो तुंरत डेंगू का टेस्ट कराना चाहिए। रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो बिना देर किए ट्रीटमेंट शुरू कर देना चाहिए। एक हफ्ते तक डॉक्टर की बताई गईं मेडिसिन लेकर डेंगू का हराया जा सकता है। ऐसे में डेंगू की पहचान बहुत जरूरी है। डॉक्टर के मुताबिक, अगर समय से डेंगू की पहचान हो जाती है तो पेशेंट को हॉस्पिटल में एडमिट होने की जरूरत ही नहीं है। निर्धारित दवाओं को लेकर वह एक सप्ताह के अंदर घर पर ही पूरी तरह से स्वस्थ्य हो सकता है।

डायग्नोसिस को लेकर बड़ी तैयारी
सिटी में डेंगू की डायग्नोसिस को लेकर हेल्थ डिपार्टमेंट बड़े रूप में तैयारी कर के रखा है। डेंगू से ग्रसित पेशेंट सीएचसी-पीएचसी के साथ ही कांशीराम, उर्सला और हैलट हॉस्पिटल में डॉक्टर को दिखाकर डेंगू की जांच करा सकता है। विभिन्न गवर्नमेंट हॉस्पिटल से डेंगू के सैम्पल डेली जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट में भेजे जाते हैं। सैम्पल देने के दूसरे दिन या फिर तीसरे दिन उसकी रिपोर्ट पेशेंट को मिल जाती है। इस दौरान डॉक्टर सिर्फ फीवर को कंट्रोल करने के लिए ही मेडिसिन देते हैं।


हॉट स्पॉट एरिया में दस्तक अभियान
सिटी के अरबन एरिया की बात करें तो हेल्थ डिपार्टमेंट ने विभिन्न एरिया से निकलने वाले डेंगू के केसेस के मुताबिक 50 हाई रिस्क एरिया चिन्हित कर रखे हैं। इसके अलावा रूरल एरिया में हाई रिस्क एरिया की संख्या 17 है। अरबन एरिया की बात करें तो कल्याणपुर आवास विकास, सिविल लाइंस, तिलक नगर, काकादेव, नारामऊ, गोविंद नगर, गीता नगर, रविदासपुरम, स्वराज नगर पनकी, विजय नगर, कृष्णा नगर, बर्रा वेस्ट, गुजैनी, गांधीग्राम, नवीन नगर, नवाबगंज, नार्थ रेलवे कॉलोनी, अशोक नगर, ग्वालटोली, बेनाझाबर समेत 50 इलाके हाई रिस्क में हैं। जहां घर-घर दस्तक अभियान चलाकर हेल्थ डिपार्टमेंट लोगों के घर में जाकर उनको डेंगू के प्रति अवेयर कर रहा है।

सिस्टोमेटिक ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल्स
डेंगू पॉजिटिव रिपोर्ट होने के बाद पेशेंट को सबसे पहले अपने डॉक्टर्स के पास फॉलोअप के लिए जाना चाहिए। डॉक्टर ब्लड रिपोर्ट के आधार पर एडमिट करने या फिर घर पर ही रहकर ट्रीटमेंट कराने की सलाह देगा। डॉक्टर की आधार पर दवाओं का पूरा कोर्स लगभग एक सप्ताह का पूरा करना होगा। पॉजिटिव रिपोर्ट के आने के बाद पांचवें दिन एक बार फिर से आपको डेंगू की जांच करानी है। जिससे पता चल जाएगा कि डेंगू के डंक का असर आपकी बॉडी से बाहर हुआ है या नहीं।

गवर्नमेंट हॉस्पिटल में रिजर्व हंै बेड
हेल्थ डिपार्टमेंट डेंगू को लेकर काफी अलर्ट है। डेंगू के पॉजिटिव केस सामने आते ही हेल्थ डिपार्टमेंट उर्सला, कांशीराम और हैलट हॉस्पिटल में डेंगू का अलग वार्ड रिजर्व कर लेता है। जिससे डेंगू पेशेंट के संपर्क में आकर कोई दूसरा पेशेंट उसकी चपेट में न आएं।

समय-समय पर स्टाफ को ट्रेनिंग
जिला मलेरिया आफिसर डॉ। एके सिंह ने बताया कि डेंगू समेत विभिन्न संचारी रोगों के प्रति हेल्थ केयर स्टॉफ को वर्कशॉप कर अवेयर किया जाता है। इसके अलावा हाई रिस्क एरिया समेत अरबन व रूरल एरिया में जाकर कैसे लोगों को अवेयर करना है, इसकी भी जानकारी दी जाती है। साथ ही वर्कर्स का फीडबैक भी डेली या फिर हर दूसरे दिन लिया जाता है। जिसकी डिजिटल रिपोर्ट भी मुख्यालय में भेजी जाती है।