कानपुर (ब्यूरो)। कृष्णापुरम के दिनेश सिंह का हाउस टैक्स नगर निगम ने 837 रुपए से बढ़ाकर 3434 रुपए कर दिया है और एरियर सहित टोटल बिल 7,448 रुपए पहुंच गया है। इसी तरह पशुपति नगर वार्ड के अशोक मिश्रा का हाउस टैक्स 971 से बढ़ाकर 4680 रुपए कर दिया है। उनका एरियर सहित टोटल बिल 11,630 रुपए हो गया है। जब बिल उनके घर पहुंचा तो देखकर इन लोगों के होश उड़ गए। ये दो केस केवल बानगी है। इसी तरह बर्रा की पुष्पा दीक्षित, पशुपति नगर के करूणाशंकर मिश्रा, यशोदा नगर की सरला देवी सहित हजारों लोगों के घरों का हाउस टैक्स बढ़ा दिया गया है। इसके साथ ही दो साल पहले यानि 2022 से एरियर वसूला जा रहा है। दस-दस गुना तक हाउसटैक्स का बिल देकर लोगों के पैरों तले जमीन खिसक रही है। वह बिल सही कराने के लिए नगर निगम के वार्ड और जोनल ऑफिस की दौड़ लगा रहे हैं।

जीआईएस सर्वे के बेस पर बिलिंग
नगर निगम इम्प्लाइज के मुताबिक वर्ष 2022 से सिटी में स्थित प्रॉपर्टीज का जीआईएस सर्वे (जियोग्र्राफिक इनफार्मेशन सिस्टम) हो रहा है। इससे पहले वर्ष 2006 में जीआईएस सर्वे हुआ था। नगर निगम के चीफ टैक्स ऑफिसर अनिरूद्ध सिंह ने बताया कि अब तक सिटी में लगभग 70 वार्डो में सर्वे हो चुका है या चल रहा है। जिन वार्डो में प्रापर्टी का सर्वे हो चुका है, उनमें बहुत प्रॉपर्टी का एरिया अधिक पाया गया है। बढ़े हुए एरियर को शामिल करते हुए जीआईएस सर्वे के बेस पर 2022 से एरियर सहित प्रापर्टी टैक्स जारी किए गए जा रहे हैं।

500 करोड़ रुपए का टारगेट
सिटी में 4.45 लाख से अधिक प्रॉपर्टी हैं, इसमें ज्यादातर रेजीडेंशियल है। 90 हजार के लगभग कॉमर्शियल प्रॉपर्टीज हैं। नगर निगम ऑफिसर्स ने करंट फाइनेंशियल ईयर में 500 करोड़ रुपए प्रॉपर्टी टैक्स वसूलने का टारगेट रखा है। इससे पहले बीते फाइनेंशियल ईयर में नगर निगम 389 करोड़ रुपए प्रॉपर्टी टैक्स वसूल किया था।

छूट के बाद नहीं जमा कर रहे टैक्स
करंट फाइनेंशियल ईयर में नगर निगम ऑफिसर्स ने पहले 31 जुलाई तक प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने पर 10 परसेंट छूट देने का प्राविधान किया था। बावजूद इसके 95 करोड़ रुपए के आसपास ही टैक्स जमा हुआ। इनमें से ज्यादातर वहीं रहे, जिनका हाउस टैक्स बिल बिना जीआईएस सर्वे के जारी हुआ है। कम टैक्स जमा होते देख नगर निगम ने हाउस टैक्स जमा करने की समय सीमा बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी है।

डेली दो-दो करोड़ का टारगेट
6 अगस्त को म्यूनिसिपल कमिश्नर सुधीर कुमार की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में 98 करोड़ रुपए टैक्स जमा होने की जानकारी नगर निगम ऑफिसर्स ने दी थी। उन्होंने प्रतिदिन 2-2 करोड़ रुपए प्रॉपर्टी टैक्स जमा कराने का ऑफिसर्स को टारगेट दिया है, लेकिन हजारों घरों को तीन से लेकर गुना तक टैक्स हो जाने और दस-दस गुना तक बिल आने की वजह से जमा करने से दूरी बनाए हुए है। वह प्रॉपर्टी टैक्स बिल सही कराने के लिए नगर निगम के चक्कर काट रहे हैं।

गलत बिलिंग पर फटकार
29 मई को तत्कालीन म्यूनिसिपल कमिश्नर शिवशरणप्पा की अध्यक्षता में रेवेन्यू वसूली को लेकर मीटिंग हुई थी। मीटिंग में कम वसूली पर म्यूनिसिपल कमिश्नर ने नाराजगी जताई थी। आईटी मैनेजर अमृत योजना आशुतोष सिंह ने बताया था कि जीआईएस कम्पनी नेसर्वे की गई 70 परसेंट प्रॉपर्टीज गलत बिल बना दिए गए, जिन्हें वापस कर दिया गया है। इसके बाद अपर नगर आयुक्त जगदीश यादव ने जीआईएस सर्वे में पहले से टैक्सनेट में शामिल हजारों प्रॉपर्टी को नई दिखाने पर फटकार लगाई थी।