कानपुर (ब्यूरो)। बिठूर थाना क्षेत्र के टिकरा में मंगलवार देर रात तेज आंधी पानी में एक कच्चा मकान भर-भराकर ढह गया। जिससे युवक, उसका 13 साल का बेटा और पत्नी मलबे में दब गए। किसी तरह से युवक बाहर निकला और शोर मचाया। गांव के लोग चीखें सुनकर मौके पर पहुंचे। आनन फानन में तीनों लोगों को मलबे से निकालकर सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां पर महिला को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। वहीं साढ़ में देर शाम बारिश से कच्ची छत ढह गई। जिससे चारपाई में सो रही बुजुर्ग की दबने से मौत हो गई।
छप्पर सहित गिरी दीवार
टिकरा गांव निवासी छून्नू कमल के घर पर पत्नी रानी देवी और 13 साल का बेटा रजत रहता है। छुन्नू मजदूरी करके परिवार चलाता है। छून्नू के मुताबिक, कल रात पत्नी रानी, बेटे रजत को लेकर चारपाई में लेट गई। वहीं दूसरी चारपाई पर वह खुद लेट गए। रात लगभग 12 बजे तेज-आंधी पानी आया तो अचानक छप्पर सहित एक तरफ की दीवार गिर गई। जिसमें तीनों लोग दब गए। शोर सुनक आसपास के लोग पहुंचे और मलबे से बच्चे और महिला को निकाला। सूचना पर पहुंची एंबुलेंस से तीनों घायलों को पास के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां पर रानी देवी को मृत घोषित कर दिया गया। बेटे रजत के सिर और पैर में चोट आईं है। छुन्नू का दाहिना हाथ टूट गया है।
ढह गई कच्ची छत
साढ़ थाना क्षेत्र के शाहपुर गांव निवासी स्व। ब्रजलाल की 70 साल की पत्नी चंद्रकली के गांव में दो मकान थे। एक में दोनों बेटे जगमोहन और जगन्नाथ परिवार के साथ रहते है। वहीं एक मकान में चंद्रकली रहती थी। वहीं पर दोनों बेटे की बाइक खड़ी रहती थी। बेटों ने बताया कि रुक-रुककर हो रही बारिश से उनके घर की कच्ची छत ढह गई। जिससे चारपाई में सो रही उनकी मां चंद्रकली की दबकर मौत हो गई। जब उन्होंने आवाज सुनी तो मौके पर पहुंचे। उन्होंने मिट्टी हटाकर मां का शव बाहर निकाला। बारिश के कारण दीवार गिरने की कई घटनाएं ग्रामीण इलाकों में हुई हैं।