कानपुर (ब्यूरो)। अब किसी भी स्थान पर मिट्टी के टेस्टिंग के लिए कहीं भटकने या समय देने की जरूरत नहीं है। आईआईटी की ओर से बनाए गए भू परीक्षक यंत्र के जरिए मात्र 90 सेकेंड में दो ग्राम मिट्टी से उसकी क्वालिटी का पता लग जाएगा। इतना ही नहीं इस मशीन के जरिए यह भी पता चलेगा कि आपकी मिट्टी किस क्राप के लिए बेहतर है। यह सब काम होंगे, सिर्फ दो मिनट में। आईआईटी की ओर से इस मशीन को बनाकर मार्केट में उतार दिया गया है। यह अभी तक कई फार्म हाउस में सब्जियां या अनाज बोने के शौकीन और किसानों को उनकी मिट्टी की क्वालिटी बता चुकी है।
भू परीक्षक में इन चीजों का चलता है पता
भू परीक्षक की बात करें तो फिलहाल यह छह तत्वों पर अपनी रिपोर्ट देती है, जिसमें नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटेशियम, ईसी, आर्गेनिक कार्बन, क्ले कंटेट शामिल है। इन चीजों की जानकारी मिलने के बाद अगर आपकी मिट्टी में कोई कमी है तो आप उसको समय रहते दूर कर सकते हैं अगर आप बिना टेस्टिंग के क्राप को बोते हैैं तो कभी कभी वह ग्रो नहीं करती या खराब हो जाती है। क्रॉप के खराब होने या ग्रो न करने की स्थिति में किसानों के सामने काफी खराब स्थिति हो जाती है।
छह पैरामीटर्स की टेस्टिंग
आईआईटी कानपुर का स्वाइल टेस्टिंग इक्विपमेंट भू परीक्षक-2 अब मिट्टी के स्वास्थ्य की रिपोर्ट देगा। जहां एक ओर भू परीक्षक छह पैरामीटर्स पर टेस्टिंग करता है। वहीं, भू परीक्षक दो 90 सेकेंड में 12 पोषक तत्वों की जांच करेगा। 2025 में यह प्रोडक्ट मार्केट में आएगा। प्रोडक्ट में माइक्रोन्यूट्रियंट्स को भी शामिल किया जा रहा है। वहीं, भू-परीक्षक दो में जिंक, मैग्नीज, कॉपर, सल्फर, बोरोन और आयरन जांचें भी शामिल होंगी। इसके आने के बाद और सटीक जानकारी मिल सकेगी। आईआईटी ने कॉमर्शियल उपयोग के लिए भू-परीक्षक-2 की तकनीक का लाइसेंस एक कंपनी को दिया है।
मोबाइल पर मिलती है रिपोर्ट
आईआईटी के केमिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रो। जयंत कुमार सिंह ने बताया कि इस डिवाइस को चलाने के लिए किसी विशेष ट्रेनिंग की आवश्यकता नहीं है। इसमें आपको सिर्फ पांच से 10 ग्राम मिट्टी के सैैंपल को डिवाइस में तय स्थान पर रखना है। डिवाइस में लगे सेंसर और अलग अलग एलईडी स्वाइल की रिपोर्ट को बताती है। यह उपकरण मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से सिर्फ 90 सेकेंड में रिपोर्ट दे देता है।
केमिकल फ्री है प्रॉसेस
यह डिवाइस एक दिन में 300-400 टेस्टिंग करने के लिए परफेक्ट है। इसमें जांच के लिए यूज होने वाला प्रोसेस केमिकल फ्री है। प्रो। जयंत बताते हैैं कि इसको फार्म हाउस वाले ले रहे हैं इसकी कीमत एक लाख रुपए हैै। इसको किसी एक निश्चित एरिया के लिए लेकर पूरे एरिया को लाभ पहुंचाया जा सकता है। इसके अलावा आप इसको खरीदने के बाद स्वाइल टेस्ंिटग का बिजनेस भी कर सकते हैं इसमें समय कम लगता है जो कि किसी अन्य मैथड में पॉसिबल नहीं है।
यूपी में आर्गेनिक कार्बन कम
प्रो। जयंत ने बताया कि मिट्टी में आर्गेनिक कार्बन का होना कंपलसरी है। इसकी यूपी में कमी है। इसके अलावा मिट्टी में जिंक का होना भी कंपलसरी है। अगर वह नहीं होगा तो आपको पूरे पोषक तत्व नहीं मिलेंगे। कोरोना में जिंक की टैबलेट लोगों ने खाई है। इसके अलावा कई चीजें हैैं जो कि मिट्टी के लिए जरुरी हैं। उनका पता टेस्टिंग के बाद ही चलता है।