कानपुर (ब्यूरो)। हिंदुस्तान में क्रिकेट के प्रति लोगों का जुनून और प्रेम किसी से छिपा नहीं है। लाखों युवा क्रिकेट में अपना भविष्य भी संवारना चाहते हैं। वहीं दूसरी तरफ क्रिकेट को अब अन्य खेलों से भी चुनौती मिलने लगी है। नीरज चोपड़ा, पीवी सिंधु, साइना नेहवाल, मैरीकॉम जैसे स्पोट््र्स स्टार भी यूथ के रोल मॉडल बन रहे हैं। इसीलिए अब यूथ का रुझान स्विमिंग, जूडो, चेस, बास्केटबॉल और बैडमिंटन जैसे खेलों की ओर भी बढ़ रहा है। वो इन्हें सीखने और खेलने के लिए एकेडमी में जा रहे हैैं। सिटी में चल रही एकेडमी की बात करें तो वहां पर बॉक्सिंग, टीटी, रेसलिंग, स्विमिंग, जूडो, बास्केटबाल और बैडमिंटन सीखने वालों की संख्या बढ़ रही है। शहर के कई यूथ ने इन खेलों में अपना टैलेंट दिखाकर शहर का नाम पूरे विश्व में चमकाया है।
सीएसजेएमयू में 13 एकेडमी
सीएसजेएमयू में 13 गेम्स की एकेडमी चलती है। इन गेम्स में सबसे ज्यादा सीखने वाले बैडमिंटन में हैैं, जिनकी संख्या 48 है। इसके अलावा नंबर दो पर स्विमिंग है, इसमें सीखने वालों की संख्या 45 है। इसके अलावा बास्केटबॉल, बॉक्सिंग और एथलेटिक्स में 40-40 स्टूडेंटस हैैं। इसके बाद खो-खो को सीखने वालों की संख्या 36 है। इसके बाद क्रिकेट सीखने वालों की संख्या है 35 है। शिक्षण संस्थान भी यूथ को क्रिकेट के साथ अन्य गेम्स के लिए प्रमोट कर रहे हैं।
टीएसएच में स्विमिंग सीखने वाले सबसे ज्यादा
आर्यनगर स्थित द स्पोट्र्स हब (टीएसएच) की बात करें तो यहां पर स्विमिंग सीखने वालों की संख्या 98 है जो कि अन्य गेम्स की तुलना में सबसे ज्यादा है। इसके बाद दूसरे नंबर पर जूडो है, इसमें सीखने वाले 82 प्लेयर हैैं। तीसरे नंबर पर बैडमिंटन सीखने वाले हैैं। इसकी संख्या 72 है। इनके अलावा बास्केटबाल में 67, कराटे में 61 और टेबल टेनिस (टीटी) में 60 स्टूडेंट सीखने आते हैैं। इसके बाद शूटिंग, लॉन टेनिस, ताइक्वांडो और कबड्डी आदि सीखने वाले हैैं।
ग्रीनपार्क में बैडमिंटन दूसरी पसंद
इंटरनेशनल ग्रीनपार्क स्टेडियम को क्रिकेट के लिए वल्र्ड भर में जाना जाता है। यहां क्रिकेट सीखने वालों की संख्या 271 हैै। इसके अलावा यहां पर अगर स्टूडेंट्स की दूसरी पसंद की बात की जाए तो वह 130 स्टूडेंट्स के साथ बैडमिंटन है। इननके अलावा यहां बास्केटबाल में 67, टीटी में 66, वॉलीबाल में 54, बाक्सिंग में 44, हॉकी में 41, फुटबाल में 37 और रेसलिंग में 35 स्टूडेंट्स हैैं। क्रिकेट के लिए पहचाने जाने वाले ग्राउंड में भी आकर स्टूडेंट्स दूसरे गेम्स खेल रहे हैैं।
क्रिकेट में सिलेक्शन मुश्किल
टीएसएच के डायरेक्टर (आपरेशंस) पीके श्रीवास्तव ने बताया कि क्रिकेट में यदि 100 प्लेयर डिस्ट्रिक लेवल के ट्रायल में शामिल होते हैैं तो एक से दो का ही सिलेक्शन हो पाता है। जबकि दूसरे गेम्स में सिलेक्शन में भीड़ क्रिकेट की अपेक्षा कम होती है। अब दूसरे गेम्स में भी मीडिया कवरेज बेहतर मिलने लगी है, जिस वजह से अन्य गेम्स में भी ग्लैमर आ गया है। वहीं, क्रिकेट के अलावा दूसरे गेम्स में डिस्ट्रिक, स्टेट और नेशनल लेवल तक पहुंचना आसान है। हालांकि एक खिलाड़ी के लिए खेल भावना हर गेम के लिए समान होती है।
दूसरे गेम्स में भी मिल रहे मौके
सीएसजेएमयू के फिजिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ। श्रवण यादव ने बताया कि एआईयू की ओर से होने वाले इंटर यूनिवर्सिटी गेम्स में कई गेम्स है। ऐसे मेें अब स्टूडेंट अपनी पसंद के अनुसार गेम्स को सिलेक्ट कर रहा है। वहीं, नेशनल, स्टेट या डिस्ट्रिक खेलने पर प्लेयर्स को जो दर्जा मिलता है वह एक समान है। नौकरी आदि में रिजर्वेशन व अन्य फैसिलिटीज भी समान रहती है। यही वजह है कि अब स्टूडेंट दूसरे गेम्स के प्रति आकर्षित हो रहे हैैं।
अपनी चमक बिखेर रहे ये प्लेयर्स
सिटी में अगर प्लेयर्स की बात करें तो यहां हर क्षेत्र में वह कुछ न कुछ मुकाम हासिल कर रहे हैैं। यूथ प्लेयर्स की बात करें तो क्रिकेट में इंटरनेशनल लेवल पर चाइनामैन बॉलर कुलदीप यादव और आईपीएल में अपना जलवा दिखा चुके अंकित राजपूत को तो सब जानते हैैं। आज हम आपको उन चेहरों के बारे में बता रहे हैैं। जिन्होंने कम उम्र में ही दूसरे गेम्स में बेहतर प्रदर्शन के दम पर अपनी पहचान बना रहे हैैं।
आर्चरी में कमा रहे नाम
सिटी के आयुष दहिमा आर्चरी के जरिए टारगेट पर फोकस करके निशाना लगाकर अपना नाम कमा रहे हैैं। इन्होंने अंडर 17 कैटेगरी में सीआईएससीई नेशनल औैर स्टेट गोल्ड, ओपेने स्टेट मेें ब्रांज और ओपेने स्टेट अंडर 14 में गोल्ड मेडल जीत चुके हैैं। यह ओलंपिक में निशाना साधकर देश के लिए मेडल लाना चाहते हैैं।
बेस्ट प्लेयर का मिल चुका खिताब
क्लास 10 के स्टूडेंट वरुण अरोड़ा फुटसल प्लेयर हैं। नासिक में हुई फुटसल नेशनल चैैंपियनशिप में भी वह खेल चुके हैैं। गाजियाबाद में हुई स्टेट चैैंपियनशिप में यूपी की टीम का हिस्सा रहे। इनको वहां पर बेस्ट प्लेयर का अवार्ड भी मिल चुका है। यह इंडियन फुटसल टीम में शामिल होने के लिए कोच डॉ। विकास विक्टर की मेंटरशिप में प्रैक्टिस कर रहे हैैं। यह मोती विहार के रहने वाले हैैं।
बैडमिंटन में जुड़वा भाई कर रहे कमाल
बैडंिमंटन में सिटी के दो जुड़वा भाई शार्दुल और कंदर्प पूरे देश में अपना जलवा बिखेर रहे हैैं। शार्दुल, नोएडा में हुई यूपी बैडंिमंटन लीग, नई दिल्ली में हुई स्टेयर्स यूथ नेशनल गेम्स और पीएनबी मेटलाइफ स्टेट बैडमिंटन चैैंपियनशिप के विनर रह चुके हैैं। वहीं, कदर्प की बात करें तो यह भी यूपी स्टेट मिनी अंडर 11 चैैंपियनशिप 2023, नेशनल सब यूनियन अंडर 11 मिनी चैैंपियनशिप समेत कई कॉम्पटीशन में अपना जलवा बिखेर चुके हैं। यह दोनों डिस्ट्रिक लेवल पर चैैंपियन हैैं।
यूनिवर्सिटी के प्लेयर्स भी नेशनल लेवल पर छाए
सीएसजेएमयू की तनीषा लांबा ने बाक्सिंग में ऑल इंडिया लेवल पर गोल्ड जीता है। यहां के जय प्रकाश ने एथलेटिक्स में ओमान में गोल्ड मेडल जीत चुके हैैं। इनके अलावा वेटलिफ्टिंग में सना, नार्थ ईस्ट जोन में सिल्वर और खेलो इंडिया में ब्रांज मेडल को अपने नाम कर चुकी हैैं। रेसलिंग में जतिन ने भी ऑल इंडिया लेवल पर सिल्वर मेडल जीता है। फिजिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट की ओर से मिली जानकारी के अनुसार नेशनल यूनिवर्सिटी गेम्स में सीएसजेएमयू के प्लेयर दो गोल्ड, तीन सिल्वर और एक ब्रांज मेडल जीत चुके हैैं।