- फर्जी लाइसेंस की लिस्ट में शामिल हैं कई बड़े लोगों के नाम, 77 फर्जी लाइसेंस की लिस्ट अधिकारी छिपाने में लगे

- 4 दिन बाद भी लिस्ट जारी नहीं कर सका एडमिनिस्ट्रेशन, फर्जी लाइसेंस बनवाने वाले अपना नाम कटवाने की कर रहे पैरवी

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KANPUR : फर्जी लाइसेंस मामले में अधिकारी ही लीपापोती करने में जुट गए हैं। जांच में लचर रवैये की वजह से ही अभी तक फर्जी लाइसेंस बनवाने वालों को नोटिस जारी नहीं हो सका है। सूत्रों के मुताबिक फर्जी लाइसेंस बनवाने वाले कुछ रसूखदार लोग खुद को फंसता देख पैरवी करने में जुट गए हैं। यही कारण है कि 4 दिन बाद भी अधिकारी फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनवाने वालों की लिस्ट सार्वजनिक करने से बच रहे हैं। सूत्रों का ये भी दावा है कि कई लोगों के नाम लिस्ट में बदले जा चुके हैं। अब सवाल ये उठता है कि आखिर डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन के अधिकारी किसे बचाने में लगे हुए हैं।

77 लाइसेंस मिले फर्जी

अभी तक की जांच में टोटल 77 लाइसेंस फर्जी मिले हैं। इनकी बुकलेट भी जारी की जा चुकी थी। वेडनसडे को 7 अन्य फर्जी लाइसेंस की लिस्ट में 3 सही पाए गए थे। वहीं मामले में पुलिस को मिली जांच रिपोर्ट के बाद इसकी तलाश तेज हो गई है कि फर्जी लाइसेंस पर कितने शस्त्र खरीदे जा चुके हैं। इसके लिए पुलिस ने शस्त्र दुकानों की भी जांच शुरू कर दी है। पिछले 1 साल में खरीदे गए शस्त्र की रिपोर्ट भी थाना लेवल पर तैयार की जा चुकी है।

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ये सवाल वाजिब हैं

-फर्जी लाइसेंस बनवाने वालों की लिस्ट बनने के बाद भी जारी क्यों नहीं की जा रही?

-पहले डीएम ने 73 फर्जी लाइसेंस जारी होने की सूचना दी, लेकिन बाद में 7 बढ़े, लेकिन पहले 2 फिर 3 के नाम क्यों काटे गए?

-अधिकारी लगातार नोटिस जारी करने की बात कह रहे, लेकिन एक भी व्यक्ति को क्यों नोटिस जारी नहीं किया गया?

-लिस्ट सार्वजनिक करने के मामले में अधिकारी पूरी तरह से क्यों चुप्पी साधे हुए हैं, मामले में तरह-तरह तर्क दिए जा रहे हैं?

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पुलिस खारिज कराएगी बेल

सहायक शस्त्र लिपिक विनीत तिवारी को 4 सितंबर तक सशर्त जमानत मिलने के बाद पुलिस ने भी अपनी जांच तेज कर दी है। एसपी क्राइम व एसआईटी प्रभारी राजेश यादव के मुताबिक जांच टीम विनीत से पूछताछ करने के लिए उसके घर गई थी। लेकिन उसने पुलिस को जांच में सहयोग नहीं किया। पुलिस ने करीब 1 घंटे तक उससे पूछताछ की लेकिन वह लगातार पुलिस को गुमराह करता रहा। एसआईटी ने विनीत से 30 से ज्यादा सवाल दागे, लेकिन उसके जवाबों से जांच टीम संतुष्ट नहीं है। एसपी क्राइम के मुताबिक अगर विनीत को जांच में सहयोग करने की शर्त पर अग्रिम जमानत दी गई है। अगर वह सहयोग नहीं करेगा तो उसकी बेल कैंसिल करने के लिए कोर्ट में अपील की जाएगी।