कानपुर (ब्यूरो)। अनाथालय में रह रहे लोगों को गोद लेने की बातें, तो आम है। लोग दिव्यांग सेंटर से लेकर वृद्धाश्रम में रहने वालों को गोद लेते रहते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि शहर में कुछ ऐसी संस्थाएं हैं, जिन्होंने वन्य जीवों को गोद ले रखा है। एचएएल ने तेंदुए को गोद ले रखा है। जबकि आईओसीएल कंपनी ने गैंडे के साथ तेंदुए को भी गोद लिया हुआ है। ऐसे में अगर आप भी एनिमल हैं तो इंतजार करने की जरूरत नहीं है। आप जू जाकर टाइगर , लायन, तेंदुआ ही नहीं, सांप, सारस और बंदर भी गोद ले सकते हैं.्र इसके लिए आपको कुछ फीस देनी होगी, इस पैसे से आपके गोद लिए जानवर के खाने पीने और रख रखाव में खर्च किया जाएगा।
11 साल से एचएल ने टाइगर को ले रखा गोद
कानपुर जू के पीआरओ विश्वजीत तोमर ने बताया कि वर्तमान में जू के दो गैंडे को आईओसीएल ने ले रखा है। जबकि एचएल ने बीते 11 सालों से जू के टाइगर को गोद ले रखा है। वहीं, शहर की एक अन्य नामी कंपनी ने एक तेंदुआ व एक गैंडे को गोद ले रखा है। उन्होंने बताया कि टाइगर का एक साल का खर्चा 12,33,100 लाख रुपए, दो गैंडे का 6.36 लाख, एक तेंदुए और एक गैंडे का 5.52 लाख रुपए होता है। इसके अलावा जू के सभी जानवर को निर्धारित रेट में कोई भी व्यक्ति व संस्थान गोद ले सकता है।
किस एनीमल के कितने रुपए देकर ले सकते गोद
एनीमल रेट (एक साल के)
लॉयन 12,33,100
टाइगर 12,33,100
टाइगर कब दो ईयर 4,86,000
टाइगर कब वन ईयर 3,04,700
तेंदुआ 4,86,000
लकड़बग्घा 3,14,000
मगरमच्छ-घडिय़ाल 24,300
कछुआ 16,800
स्नैक एंड रेप्टाइल्स 8,97,200
गैंडा 4,11,200
चीतल 74,800
मंकी 56,100
सारस 44,900
इमू 67,300
जेब्रा 1,01,000
फिश एक्यूरियम 4,48,600
बर्ड हाउस 11,21,500
हिमालयन ब्लैक बियर 1,34,600
कोलकाता प्राणी उद्यान, कर्नाटक के मैसूर चिडिय़ाघर, ओडिशा के नंदनकानन चिडिय़ाघर, विशाखापत्तनम चिडिय़ाघर और दिल्ली जू ने इस योजना को सफलतापूर्वक लागू किया है।
वन्य जीव को ऐसे ले सकते हैं गोद
1. किसी भी व्यकित अथवा संस्था जो वन्य जीवों को गोद लेना चाहते है एक प्रार्थना पत्र गोद लिए जाने वाले वन्य जीव का नाम सूचित करते हुए निदेशक कानपुर प्राणि उद्यान को दिया जा सकता है।
2. जिसके क्रम में निदेशक कानपुर प्राणि उद्यान के स्तर से उस वन्य जीव पर एक वर्ष में भोजन, रख रखाव पर होने वाले व्यय की धनराशि सूचित की जायेगी।
3. गोद लेने वाले व्यक्ति या संस्था की ओर से धनराशि सदस्य सचिव, सारस संरक्षण समिति लखनऊ के नाम से चेकबैंक ड्राफ्ट के रूप में निदेशक कानपुर प्राणि उद्यान को देना होगा।
4. जिसकी रशीद निदेशक कानपुर प्राणि उद्यान द्वारा सम्बनिधत संस्था या व्यक्ति को उपलब्ध कराई जायेगी। सारस संरक्ष्ण समिति को दिया गया धनराशि पर नियमानुसार आयकर अधिनियम के अन्तर्गत कर में छुट प्राप्त है।
5. जिन वन्य जीवों का अब तक नाम करण नहीं हुआ है उन वन्य जीवों को कम से कम तीन वर्षो तक गोद लेने के बाद व्यक्ति अथवा संस्था द्वारा नामकरण किया जा सकता है।
गोद लेने वाले व्यक्ति या संस्था को दी जाने वाली सुविधाएं
1. गोद लेने वाले व्यकित अथवा संस्था का नाम और गोद लेने का समय वन्य जीव के बाड़े के पास एक बोर्ड में लगाया जाएगा।
2. जिस वन्य जीव को गोद लिया है, उसको दिये जाने वाले भोजन और उसका रख रखाव का समय समय पर निरीक्षण कर सकते हैं।
3. किसी भी जानवर को आप वार्षिक, अर्धवार्षिक, त्रैमासिक अथवा अवधि के लिए गोद लिया जा सकता है।
टाइगर से लेकर स्नैक तक कानपुराइट्स गोद ले सकते हैं। गोद लिए गए वन्य जीव जू में ही रहेंगे लेकिन उनके दिए गए बजट से उनको खाना पीने मुहैया कराया जाएगा।
विश्वजीत तोमर, पीआरओ, कानपुर जू