कानपुर (ब्यूरो)। सोशल मीडिया पर फर्जी आईडी से प्रोफाइल। खूबसूरत विदेशी महिला की फोटो और फ्रेंड रिक्वेस्ट। आपके रिक्वेस्ट एसेप्ट करते ही चैटिंग शुरू। मीठी मीठी बातें और धीरे धीरे आपका बढ़ता विश्वास। फिर तस्वीरों का आदान प्रदान। और एक दिन आई लव यू टाइप के मैसेज। आपके लिए विदेश से महंगा गिफ्ट और इसे छुड़ाने के लिए कस्टम ड्यूटी व अन्य फॉर्मेलिटीज करने के नाम पर ऑनलाइन ठगी। साइबर ठगों का गैंग महिलाओं को मोहरा बनाकर ऐसे ही टारगेट करता है। इसलिए इंटरनेशल फ्रेंडशिप डे के मौके पर हम आपको बता रहे हैं कि सोशल मीडिया वाले झांसेबाज दोस्तों से रहें सावधान। क्यों ये दोस्त आर्थिक और मानसिक रूप से आपकी जिंदगी बर्बाद कर सकते हैं। कानपुर कमिश्नरेट के पास लगातार इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। इसलिए इस तरह की दोस्ती को लेकर साइबर सेल ने एडवाइजरी भी जारी की है।
झांसेबाज दोस्तों के फ्रॉड के कुछ मामले
पहला मामला : स्वरूप नगर निवासी नितेश कुमार का पेट्रोल पंप की मशीन बनाने का कारखाना है। नितेश ने पुलिस को बताया कि उनके इंस्टाग्राम पर एक विदेशी महिला की तरफ से रिक्वेस्ट आई, जिसे उन्होंने फॉलो कर दिया। कुछ दिन बाद ही दूसरी तरफ से वाट्सएप नंबर मांगा गया। उनकी तस्वीरें मांगी गईं तो उन्होंने फोटो भी सेंड कर दीं। इसके बाद चैटिंग शुरू हो गई। चैटिंग में दोस्ती और फिर प्यार। लंबे समय तक चैटिंग। भारत आने पर 70 हजार रुपये ठग लिए, दिल्ली मिलने बुलाया तो 22 हजार रुपये छीन कर पिटाई कर दी। कानपुर आकर शिकायत की तो मामला दिल्ली की होने की वजह से केस दर्ज नहीं हुआ।
दूसरा मामला : इसी पैटर्न पर ठगी का एक मामला साउथ जोन के बर्रा निवासी संजीव कुमार के साथ हुआ। संजीव कुमार निजी कंपनी में आर्किटेक्ट हैैं। संजीव ने पुलिस को बताया कि पहले इंस्टाग्राम से झांसा दिया गया। फिर इंडिया आने पर कंसाइनमेंट फंसने की बात कही गई। शातिरों ने उनसे 90 हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए। जब क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू की तो जिस खाते में रुपये गए थे, वह राजस्थान के राजीव का था। राजीव की जानकारी करती टीम ने जब उसकी तलाश शुरू की तो तो फेक आईडी पर अकाउंट खोले जाने की बात सामने आई।
दिल्ली से हो रहा गैैंग ऑपरेट
पुलिस अधिकारियों की माने तो झांसेबाज दोस्तों का गैैंग दिल्ली से ऑपरेट कर रहा है। इनके पास विदेशों के नंबर मौजूद है। जिनकी फेक आईडी बनाकर ये लोगों को जाल में फंसाते हैैं। एक बात और सामने आई है। कितनी भी कोशिश करने पर न तो ये ऑनलाइन बात करते हैैं और न ही नार्मल कॉल करते हैैं। जिसकी वजह से कोई इविडेंस पीडि़त के पास ऐसा नहीं होता जो ये पुलिस को दे सकें। वहीं कानपुर पुलिस के सामने एक तकनीकी समस्या यह भी सामने आ रही है कि मारपीट और छिनैती की घटनाएं दिल्ली की हैैं लिहाजा कानपुर में केस दर्ज नहीं हो पा रहे हैैं। ऑनलाइन जानकारी लेकर कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच इनके मामलों में साइबर फ्रॉड की जांच कर रही हैैं।
सावधानियां जो आएंगी आपके काम
- इंस्टाग्राम में अगर कोई विदेशी महिला मांगे वाट्सएप चैट नंबर तो हो जाएं अलर्ट।
- चैंिटंग के दौरान अगर आपकी व्यक्तिगत जानकारी मांगी जाए तो कतई न दें।
- फोटो की असलियत आ जाएगी सामने, किसी भी तरह का रुपये का लेन देन न करें।
- अगर वाट्सएप नंबर पर दूसरा पक्ष फोटो भेजे तो उसे क्रोम पर डालकर प्रापर्टी करें चेक।
- अगर किसी तरह की ठगी हो जाती है तो सबसे पलहे 1930 नंबर पर शिकायत करें।
- इसके बाद संबंधित थाने और क्राइम ब्रांच में जाकर शिकायत दर्ज कराएं।