KANPUR : नौबस्ता में डीआरएम कोटे से रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देकर पांच दोस्तों से 23.50 लाख की ठगी कर ली गई। पांचों दोस्तों ने छह लोगों के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। जिसके आधार पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पीडि़त दोस्तों का आरोप है कि इस रैकेट में रेलवे कर्मी से लेकर अफसर भी शामिल हैं।
डीआरएम कोटे से रेलवे में नौकरी की बात चली
बिहार मुसहरी निवासी पिंटू कुमार बेरोजगार है। उसकी कुछ महीने पहले कुशीनगर के भठाई शुक्ला गांव निवासी विजय शुक्ला से मुलाकात हुई थी। उसने खुद को झांसी डीआरएम का रिश्तेदार बताया था। उसने पिंटू को डीआरएम कोटे से रेलवे में नौकरी लगवाने का भरोसा दिलाया था। पिंटू ने भरोसा कर अपने चार दोस्त प्रमोद कुमार साहू, विशाल कुमार सिंह, रोबिन कुमार सिंह और सुनील कुमार को भी विजय शुक्ला से मिलवा दिया।
नौकरी दिलाने से पहले हुई थी ट्रेनिंग भी
विजय ने 19 फरवरी को पांचों को कानपुर के नौबस्ता चौराहे पर बुलाया था। यहां पर उसने एक युवक से मिलवाया, जिसने खुद को झांसी डीआरएम पवन कुमार बताया। पांचों लोगों को अलग-अलग रेलवे जंक्शन भेज कर ट्रेनिंग भी कराई गई। इसके बाद पंकज ने सभी को नौबस्ता चौराहे पर बुलाया। यहां पर पंकज नाम के शख्स से हर कंडीडेट से साढ़े चार लाख रुपये लेकर उनको मिनिस्ट्री ऑफ रेलवे का आईडी कार्ड और ज्वाइनिंग लेटर थमा दिया। पांचों दोस्त आईडी कार्ड लेकर दिल्ली हेड ऑफिस पहुंचे तो पता चला कि आईडी कार्ड और ज्वाइनिंग लेटर फर्जी है। इंस्पेक्टर समर बहादुर सिंह का कहना है कि तहरीर के आधार पर जांच की जा रही है।