कानपुर (ब्यूरो)। सीएसजेएमयू कैंपस में चलने वाले यूजी (अंडर ग्रेजुएट) प्रोग्राम अगले सेशन 2025-26 से चार साल के हो सकते हैैं। इस काम के लिए सीएसजेएमयू की एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में प्रोवीसी की अध्यक्षता में कमेटी के गठन का निर्देश दिया गया है। चार साल के यूजी प्रोग्राम को यूजीसी करिकुलम एंड क्रेडिट फ्रेमवर्क फॉर फोर ईयर यूजी प्रोग्राम (एफवाईयूपी) के तहत लागू किया जाएगा। सभी यूजी प्रोग्राम को चार साल का किया जाना सीएसजेएमयू में पहली बार होगा। हालांकि एफवाईयूपी के तहत चलने वाला यूजी प्रोग्राम स्टूडेंट्स के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
बीच में छोड़ा तो भी नो टेंशन
चार साल के यूजी प्रोग्राम में सबसे बड़ा बेनीफिट यह है कि यदि आपने चार साल पूरे होने पहले बीच में पढ़ाई छोड़ी तब भी आपको कुछ न कुछ जरूर मिलेगा। इसमें पहले साल में पढ़ाई छोडऩे पर सर्टिफिकेट, दूसरे साल में डिप्लोमा, तीसरे साल में बैचलर डिग्री और चार साल पूरे करने वालों को बैचलर ऑनर्स डिग्री मिलेगी। यदि आप बीच में पढ़ाई छोडऩे के बाद दोबारा से आना पढ़ाई शुरू करना चाहते हैैं तो आपने जहां से छोड़ा है वहीं से शुरुआत करने का मौका मिलेगा। इस काम को मल्टीपल एंट्री एग्जिट के तहत किया जाएगा। यह सभी काम न्यू एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) के तहत किए जाएंगे।
पहले कैंपस में होगा अप्लाई
चार साल के यूजी प्रोग्राम को शुरुआत में कैंपस में चलने वाले यूजी कोर्स में लागू किया जाएगा। कोशिश है कि कैंपस के सभी कोर्सेस में इसको लागू कर दिया जाए। कैंपस में स्टूडेंट्स के रुझान को देखने के बाद इसको एफिलिएटेड कालेजों में भी लागू किया जाएगा। जो कोर्स फिलहाल तीन साल के हैैं उनमें चौथे साल का सिलेबस बनाने के लिए सीएसजेएमयू ने तैयारी शुरू कर दी है।
एक साल में हो जाएगा पीजी
यदि आप एक साल का यूजी कोर्स कर रहे हैैं तो आपको पीजी कोर्स करने के लिए दो साल का समय नहीं देना होगा। बैचलर ऑनर्स (चार साल) करने वाले स्टूडेंट्स को एक साल में पीजी की डिग्री दी जाएगी। जबकि पीजी कोर्स दो साल का होता है। ऐसे में चार साल का यूजी करने वालों को ऑनर्स की डिग्री मिलेगी इसके साथ साथ एक साल में पीजी भी कंप्लीट हो जाएगा। इससे स्टूडेंट्स को डबल बेनीफिट मिलेगा।
- बीच में पढ़ाई छोडऩे पर भी मिलेगा सर्टिफिकेट या डिप्लोमा
- मल्टीपल एंट्री एग्जिट की भी स्टूडेंट््स को मिलेगी फैसिलिटी
- जहां से पढ़ाई छोड़ी वहीं से दोबारा शूरू कर सकेंगे पढ़ाई
- कैंपस के बाद एफिलिएटेड कालेजों में भी होगा लागू सिस्टम
- एकेडमिक काउंसिल में प्रोवीसी की अध्यक्षता में बनी कमेटी।