कानपुर (ब्यूरो)। सैटरडे को नोएडा से कानपुर आते समय औरैया में एक्सप्रेस पर हादसे का शिकार हुए एक ही परिवार के चार लोगों की मौत के बाद संडे को एक साथ सभी शव पहुुंचे तो कोहराम मच गया। पीयूष का शव देखते ही पत्नी रीना बेहोश हो गईं। लोग उन्हें संभालने की कोशिश करते लेकिन बार बार वो अचेत हो जाती। रीना देहरादून में टीचर हैं, जबकि पीयूष गुरुग्राम में प्राइवेट नौकरी करते थे। उनकी एक बेटी उमीषा भी है।

एक साथ सजीं चार चिताएं
सडक़ हादसे में मां नीता, बेट पीयूष, बड़ी बहू संजना और पांच साल के पौत्र आरव की मौत हो गई थी। घटना के समय नीता नोयडा में रहने वाले बेटे पीयूष के साथ कानपुर के कल्याणपुर में इंद्रा नगर स्थित घर लौट रही थीं। हादसा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर तेज रफ्तार कार खड़े डंपर में टकराने से हुआ था। कल्याणपुर के इंदिरा नगर स्थित घर से जब अर्थियां एक साथ निकलीं तो आंसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। जिसने भी देखा वो अपने आंसू रोक नहीं पाया। पीयूष के बड़े भाई अंकित ने चारों को मुखाग्नि दीं। अंकित ने पहले अपनी मां नीता यादव, फिर पत्नी संजना और बेटे आरव का अंतिम संस्कार किया। उसके बाद भाई पीयूष को मुखाग्नि दी। छोटा भाई रजत भी बेहाल था। पल भर में हादसे ने पूरे परिवार को तबाह कर दिया।