कानपुर (ब्यूरो)। मौजूदा दौर में फाइनेंशियल फ्रॉड और साइबर ठगी जैसी घटनाओं की वजह से अकाउंटिंग का सिस्टम भी काफी काम्प्लेक्स हो गया है। ऐसे फ्रॉड को पकड़ने के लिए अब इंस्टीटयूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया की ओर से पहल की गई है। कानपुर में आईसीएआई की रीजनल काउंसिल के आफिस में देश की तीसरी फोरेंसिक लैब में अब देश भर के हजारों सीए व फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स को ट्रेनिंग का मौका मिलेगा। लखनपुर में रीजनल काउंसिल के आफिस में बनी लैब में फोरेंसिक अकाउंटिंग कोर्स को लेकर सीए स्टूडेंट्स ने खासी दिलचस्पी दिखाई है। साथ ही ग्लोबल फोरेंसिक अकाउंटेंसी के मामले में भी आईसीएआई की धमक अब बढ़ गई है।
एक साल में करोड़ों के फ्रॉड
फाइनेंशियल सेक्टर में फ्रॉड की बात करें तो ऑनलाइन ट्रांजक्शन की संख्या बीते दो साल में ही दो गुना तेजी से बढ़ी है। 2014 में जहां इंडिया में 8 अरब ऑनलाइन ट्रांजक्शन हुए थे। वहीं 2018 में यह तादात 18 अरब हो गई। इसी के साथ आनलाइन फ्रॉड भी बढ़ा है। एक साल में ही ऑनलाइन फ्रॉड तीन गुना तेजी से बढ़ा है। अकेले कानपुर में ही साल 2018 में 150 से ज्यादा ऑनलाइन बैंक फ्रॉड की घटनाएं सामने आई जिसमें बैंक होल्डर्स को करोड़ों का चूना लगा। इसी वजह से फोरेंसिक अकाउंटिंग की भी अहमियत बढ़ी है। नई आईसीएआई की इस फारेंसिक लैब में नए नए तरीके के फाइनेंशियल फ्रॉड की भी स्टडी की जाएगी। साथ उनका एनालिसिस कर इन फ्रॉड को पहचानने और उनसे बचने की ट्रेनिंग भी नए सीए को मिल सकेगी।
फोरेंसिक लैब में ये काम
फोरेंसिक लैब में फाइनेंशियल इवीडेंस की जांच उनका एनालिसिस किया जाएगा। कंप्यूटर बेस्ड अप्लिकेशन के जरिए फाइनेंशियल डॉक्यूमेंट्स की स्क्रूटनी भी होगी। फोरेंसिक लैब कोर्ट में भी फाइनेंशियल मामलों की सुनवाई में मदद मिलेगी। बैंक, एक्सपोर्ट फर्म, कारपोरेट सेक्टर, फाइनेंशियल सर्विसेस के लिए फोरेंसिक अकाउंटिंग एक्सपर्ट्स तैयार करने में मदद मिलेगी।
इंप्लॉयमेंट के बड़े अवसर
आईसीएआई के दो लाख से ज्यादा सीए स्टूडेंट्स को इस लैब का सीधा फायदा मिलने वाला है। सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल में ही 40 हजार सीए व 2 लाख सीए स्टूडेंट्स जुड़े हैं। यह स्टूडेंट्स यूपी, बिहार, उत्तराखंड, राजस्थान, एमपी जैसे स्टेट्स से आते हैं। सर्टिफाइड फोरेंसिक अकाउंटिंग प्रोफेशनल के तौर पर बैंकों में, लीजिंग फर्मो, चिट फंड कंपनियों, इंश्योरेंस सेक्टर, इंपोर्ट एक्सपोर्ट फर्मो व कार्पोरेट सेक्टर में इंप्लायमेंट के भी बड़े अवसर मिलने तय हैं।
फोरेंसिक अकाउंटिंग के ये फायदे
- अकाउंटिंग में ऑडिटिंग को ज्यादा साइंटिफिक तरीके से किया जाएगा
- फाइनेंशियल फ्रॉड के डिटेक्शन के साथ रिस्क असेसमेंट की समझ बढ़ाएगी।
- माडर्न अकाउंटिंग तकनीक के जरिए इकोनामिक ऑफेंसेस को पकड़ने की ट्रेनिंग नए सीए व फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स को देगी।
'फोरेंसिक लैब में ट्रेनिंग को लेकर सीए स्टूडेंट्स में काफी उत्साह है। इस लैब के जरिए फाइनेंशियल फ्रॉड को पकड़ने में भी काफी मदद मिल रही है। आईसीएआई ने तेजी से अकाउंटिंग की नई तकनीकों को अपनाया है जिससे उसकी दुनिया में धमक बढ़ी है.'
- सीए मनु अग्रवाल, मेंबर सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल, आईसीएआई
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