कानपुर (ब्यूरो)। हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एचबीटीयू) के 103 साल के इतिहास में पहली बार किसी फॉरेनर स्टूडेंट ने एडमिशन लिया है। यहां के ह्यूमैनिटीज डिपार्टमेंट में कनाडा के मनीष ने पीएचडी करने के लिए एडमिशन लिया है। इसके अलावा बीटेक में एडमिशन के लिए नेपाल और बांग्लादेश के पांच स्टूडेंट्स ने आवेदन किया है। इनके एडमिशन का प्रोसेस चल रहा है। फॉरेनर स्टूड़ेंट्स को डिपार्टमेंट में सुपरन्यूमेरी सीट में एडमिशन दिया जाएगा। इस काम के लिए हर डिपार्टमेंट टोटल सीटों की पांच परसेंट सुपरन्यूमेरी सीट को रिजर्व रखा गया है।

बीटेक के लिए एंट्रेंस एग्जाम
एचबीटीयू में बीटेक में एडमिशन के लिए जेईई मेन के स्कोर से एडमिशन होता है। चूंकि इंडिया के अलावा किसी अन्य देश में जेईई मेन का आयोजन नहीं होता है। ऐसे में बांग्लादेश और नेपाल वालों का एडमिशन लेने के लिए एंट्रेंस एग्जाम लिया गया है, जिसका रिजल्ट आना बाकी है।

ताइवान से होने जा रहा एमओयू
एचबीटीयू ने अपने इंटरनेशनल रिलेशंस को मजबूत करना शुरू कर दिया है। इसकी शुरुआत फॉरेन के स्टूड़ेंट्स को एडमिशन देने से हो चुकी है। इसके अलावा आने वाले दिनों में ताइवान की एक यूनिवर्सिटी के साथ एमओयू होने की तैयारी है। इसके अलावा यूनिवर्सिटी की इंटरनेशनल सेल कई देशों से संपर्क साध कर अपने रिलेशंस को बना रही है। इतना ही नहीं, फॉरेन में मौजूद एलुमिनाई को भी एलुमिनाई एसोसिएशन में जोडऩे की कवायद की जा रही है।

103 वर्ष का हो चुका है संस्थान, पहले था एचबीटीआई
2500 डॉलर सालाना फीस सार्क कंट्रीज के स्टूडेंट्स के लिए
5000 डॉलर प्रति वर्ष देना होगा अन्य कंट्रीज के स्टूडेंट्स को
05 परसेंट सुपरन्यूमेरी सीट हर डिपार्टमेंट में रिजर्व रखी गई हैं
05 विदेशी स्टूडेंट ने एडमिशन के लिए किया है अप्लार्ई

सार्क कंट्री के स्टूड़ेंट्स को फीस में 50 परसेंट छूट
यहां से पढ़ाई करने वाले सार्क(साउथ एशियन एसोसिएशन फॉर रीजनल कोऑपरेशन) कंट्रीज के स्टूडेंट्स को फीस में 50 परसेंट छूट दी जा रही है। सार्क कंट्री वाले स्टूड़ेंट्स को एक साल की फीस 2500 डॉलर अदा करना होगी। इसके अलावा अन्य कंट्री के स्टूडेंट्स को 5000 डॉलर प्रति वर्ष देना होगा। यहां पर आने वाले फॉरेनर स्टूडेंट्स को संचालित हो रहे हॉस्टल में एक अलग विंग बनाकर रखने की तैयारी है। आने वाले समय में संख्या बढऩे पर एक अलग हास्टल बनाए जाने का प्लान है।

एचबीटीयू का क्या होगा फायदा
फॉरेनर स्टूडेंट्स के एडमिशन के बाद एचबीटीयू का लेवल बढऩे के साथ साथ इसकी रैैंकिंग में भी सुधार होगा। बीते कई सालों से एचबीटीयू की एनआईआरएफ रैंकिंग में टॉप 100 इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट्स मेें कोई भी रैैंक नही है। चूंकि एनआईआरएफ में फॉरेन स्टूडेंट्स के भी माक्र्स होते हैैं। ऐसे में इसका बेनीफिट अगले साल होने वाली एनआईआरएफ रैैंकिंग में एचबीटीयू को मिलेगा। केवल एनआईआरएफ ही नहीं, क्यूएस रैैंकिंग में भी एचबीटीयू के माक्र्स बढ़ेंगे।