कानपुर (ब्यूरो)। शहर की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाने वाली पुलिस का अभिलेखागार ही सुरक्षित नहीं है। यह बात हम यूं नहीं कर रहे हैं। दरअसल, पुलिस के अभिलेखागार से नौ फाइलें गायब हो गई हैं। एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के मुख्यालय को रिपोर्ट भेजने के दौरान इसका खुलासा हुआ है। ये फाइलें शहर में मादक पदार्थ सप्लाई करने वाली महिलाओं की थीं, जिन पर गैैंगस्टर की कार्रवाई भी की गई थी, लेकिन शासन को इसकी रिपोर्ट नहीं भेजी गई। ये सारी कार्रवाई आठ से नौ महीने पहले की गई थी। अब इन महिला तस्करों की नई फाइलों को बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। वहीं, दो थानों के इंस्पेक्टर पर जांच बैठाई गई है। जबकि तीन सिपाहियों को लाइन हाजिर किया गया है।
मार्च से दिसंबर 2023 तक
शहर का मादक पदार्थ की तस्करी से गहरा नाता है। किदवई नगर थानाक्षेत्र में मादक पदार्थ तस्कर महिला रीना और सीमा मशहूर हैैं। तत्कालीन कमिश्नर बीपी जोगदण्ड के समय में नशे कारोबारियों पर चाबुक चला था। तत्कालीन किदवई नगर थाना प्रभारी को हटाया गया था। नशीले पदार्थों के तस्करों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई थी। इस दौरान कमिश्नरेट में नौ महिला तस्करों को चिन्हित किया गया था। तत्कालीन कमिश्नर ने इन नौ महिलाओं के खिलाफ गैैंगस्टर की कार्रवाई करने को कहा था। जिसके बाद महिला तस्करों पर गैैंगस्टर की कार्रवाई शुरू हुई। फाइलें भी बन गईं। तत्कालीन पुलिस कमिश्नर से पास भी करा दी गईं लेकिन ये फाइलें कहां और कब डंप हो गईं, इसका पता तो सबको है, लेकिन कोई कुछ कहने को तैयार नहीं है।
शहर में यहां चल रही तस्करी
कानपुर कमिश्नरेट के महाराजपुर, फजलगंज बिल्हौर, किदवई नगर, काकादेव, विजय नगर, पनकी और गोविंद नगर में नशीले पदार्थों की बिक्री ज्यादा होती है। वहीं महाराजपुर और बिल्हौैर के अलावा शहर के आधा दर्जन स्थानों पर नशीले पदार्थों के गोदाम बनाए गए हैैं, जहां से फुटकर में नशीले पदार्थों की सप्लाई की जाती है। दरअसल, पुुरुषों की पकड़ ज्यादा होती है, इस वजह से महिला तस्कर को इसमें लगाया गया है। इन दिनों महिलाएं दूसरे प्रदेशों से नशीला पदार्थ लाने के लिए रोडवेज बस और ट्रेन को जरिया बनाए हुए हैैं।