कानपुर (ब्यूरो)। सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी के बनखंडेश्वर मंदिर में भगवान शिव के जलाभिषेक पर विवाद खड़ा हो गया। सपा और भाजपा में वोटों के ध्रुवीकरण की होड़ मची है। इंटरनेट मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहे हैं। मंदिर में जाने पर सपा प्रत्याशी के खिलाफ फतवा जारी होने पर मंदिर को गंगा जल से धोया गया है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बूथ अध्यक्षों के सम्मेलन में इस मामले पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सपा प्रत्याशी अपने पति के पापों का प्रायश्चित करने मंदिर गईं। नसीम ने कहा कि भगवान तो सभी के हैं। मंदिर का शुद्धिकरण और फतवा जारी होना दोनों दुखदायी हैं। धर्म पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।

थर्सडे को मंदिर पहुंचकर चढ़ाया था जल
सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में उप चुनाव हो रहा है। सपा ने इरफान की पत्नी नसीम सोलंकी को प्रत्याशी बनाया है। नसीम सोलंकी ने थर्सडे को मंदिर पहुंचकर शिवङ्क्षलग पर जल चढ़ाया। नसीफ के खिलाफ बरेली शरीफ से फतवा जारी हो गया। इसमें कहा गया है कि कोई मुस्लिम अगर मंदिर में पूजा अर्चना करता है तो उसे तौबा करनी चाहिए तथा दोबारा कलमा पढऩा चाहिए। शहरकाजी मुफ्ती यूनुस रजा ओवैसी ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि इस्लाम में अल्लाह के सिवा किसी की इबादत यानी पूजा निषेध हैं। शहरकाजी मुफ्ती साकिब अदीब मिस्बाही कहते हैं कि कोई भी मुस्लिम अगर गैर शरई काम करता है तो उसे तौबा लाजिम यानी अनिवार्य है।

1000 लीटर गंगाजल से पवित्र किया गया मंदिर

मंदिर के पुजारी पं। राम नरेश मिश्रा का कहना है कि दीपावली के दिन थर्सडे को वे देर शाम घर पूजन के लिए गए थे। लौटकर आए तो पता चला कि नसीम सोलंकी मंदिर आईं थी और उन्होंने दीप प्रज्वलन किया। इससे पहले कई बार नसीम के पति पूर्व विधायक इरफान सोलंकी मंदिर परिसर में आए, लेकिन उन्होंने कभी गर्भगृह में प्रवेश नहीं किया। 1000 लीटर गंगा जल मंगाकर शिवङ्क्षलग को धोया गया।

नसीम ने कहा कि उनका मकसद धार्मिक भावनाओं को आहत करना नहीं

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि नसीम सोलंकी अपने पति इरफान सोलंकी के पापों का प्रायश्चित करने भोले के चरणों में गईं, लेकिन इससे भोले बाबा उन्हें माफ नहीं कर देंगे। अपने पति के पापों का प्रायश्चित करना है तो जिस गरीब महिला की झोपड़ी जलाई थी, उससे माफी मांगें। नसीम सोलंकी ने कहा कि लोगों के कहने पर मंदिर चली गईं। उनका मकसद किसी की भावनाओं को आहत करने का नहीं रहा। फतवा जारी होने और कलमा पढ़े जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह कलमा पढ़ती हैं और पढ़ती रहेंगी।