कानपुर (ब्यूरो)। फेक ईमेल भेजकर फर्जी शिक्षक भर्ती कराने के इंटरस्टेट गैैंग की तलाश में लगी एसआईटी ने गैैंग में शामिल पिता-पुत्र को अरेस्ट कर लिया है। दोनों के खाते से लगभग 50 लाख रुपये का लेन देन भी मिला है। इस मामले में पांच लोगों को पुलिस ने थर्सडे को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। कुछ मिलाकर जिन लोगों के खिलाफ केस दर्ज था। उनमें से छह लोग हाई कोर्ट से अरेस्ट स्टे ले आए हैैं। तीन लोगों ने अरेस्ट स्टे के लिए एप्लाई किया है। जिन लोगों की गिरफ्तारी हुई है, उनमें से कोई भी पहले से आरोपी नहीं था। सात गिरफ्तारी इस गैैंग से संबंधित उन लोगों की हुई हैै, जो इस मामले का ताना बाना बुनने में पहली लाइन में थे।
भर्ती है डाउटफुल होगी जांच
डीसीपी सेंट्रल एस के गौतम ने बताया कि पुलिस ने वाराणसी के जैतपुरा निवासी हरेंद्र पांडेय और उनके बेटे प्रकाश पांडेय को अरेस्ट किया है। हरेंद्र पांडेय चित्रकूट इंटर कॉलेज वाराणसी में मैथ्स के टीचर थे जबकि प्रकाश पांडेय महात्मा गांधी इंटर कॉलेज में हिंदी का लेक्चरर है। एसीपी कर्नलगंज महेश कुमार ने बताया कि हरेंद्र पांडेय और इसके पहले जेल भेजे गए लाल जी के 30 साल से संबंध थे।
लाल जी शिक्षा चयन बोर्ड में बाबू था। हरेंद्र का काम बोर्ड में पड़ता रहता था, इस वजह से दोनों के संबंध मजबूत थे। इस गैैंग में पहले जेल भेजे गए दिनेश और अभिनव डीआईओएस से संबंधित काम देखते थे। 9 टीचर्स की भर्ती में 5 हरेंद्र के संपर्क के थे थे तो चार दिनेश और अभिनव के संपर्क में।
जानिए, कैसे खुला ये मामला
आर्य कन्या इंटर कॉलेज में रिक्षा पांडेय का अप्वाइंटमेंट किया गया। तत्कालीन प्रिंसिपल और रिक्षा पांडेय एक ही विषय की थीं। मैनेजमेंट ने नियुक्ति करा दी। इस पर प्रिंसिपल ने मामले का वेरिफिकेशन करने को दिया। एक बार मामला दब गया तो दूसरी बार फिर से पत्राचार किया गया। ज्वाइंट डायरेक्टर माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने वेरिफिकेशन कराया तो पूरा का पूरा पैनल फर्जी पाया गया। जिसमें फरवरी 2024 में एक कमेटी गठित की गईं। जांच के दौरान वर्तमान डीआईओएस अरुण कुमार की तहरीर पर अरविंद सिंह यादव, स्वाती द्विवेदी, आशीष कुमार पाण्डेय समेत 9 लोगों के खिलाफ कर्नलगंज थाने में केस दर्ज किया गया था। नामजद विनीता और रिक्षा पाण्डेय को अलग अलग कॉलेजों में अप्वाइंट किया गया था।
मिलकर तैयार किया प्लान
पुलिस हिरासत में हरेंद्र पांडेय ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में एप्वाइंट किए गए लाल जी सिंह मिर्जापुर स्कूल में प्रबंधक दिनेश पांडेय और केबीपीजी कॉलेज में लैब टेक्नीशियन अभिनव त्रिपाठी और मैंने कूटरचित पैनल में लेक्चरर की एप्वाइंटमेंट का फर्जी प्लान बनाया था। जिसे पैनल बनाकर आठ महीने में अंजाम दिया गया। इसके बाद पिता हरेंद्र के कहने पर बेटे प्रकाश ने अपने खाते से लेन देन किया।