कानपुर (ब्यूरो)। सीएसजेएमयू से एफिलिएटेड कॉलेजों में यूजी के बाद अब पीजी क्लासेज में एडमिशन का संकट खड़ा हो गया है। 24 जुलाई से न्यू एकेडमिक सेशन के तहत फस्र्ट सेमेस्टर की क्लासेज शुरू होनी है लेकिन कॉलेजों में सीटों को भरने का संकट बरकरार है। यूजी में कम एडमिशन के संकट से जूझ रहे कालेजों में अब पीजी में एडमिशन के लिए संकट खड़ा हो गया है। बीते दिनों यूजी फाइनल के रिजल्ट में हजारों की संख्या में स्टूडेंट फेल हुए हैैं। ऐसे में कालेजों ने पीजी में सीटें न भर पाने का ठीकरा, बड़ी संख्या में यूजी फाइनल में फेल हुए स्टूडेंट्स पर फोड़ दिया है। फेल होने वाले स्टूडेंट्स की मार्कशीट में किसी सब्जेक्ट में बैक लगी है या फिर डिटेन लिखकर आ रहा है। कॉलेजों के प्रिंसिपल्स का कहना है कि यूजी फाइनल में पास होने के बाद स्टूडेंट पीजी में एडमिशन लेता है। जारी रिजल्ट में उनके फेल होने की वजह से पीजी में एडमिशन घटे हैैं।
यूनिवर्सिटी को भेजी लिस्ट
कालेजों ने यूजी फाइनल में फेल स्टूडेंट्स को लेकर अपनी ओर से कागजी कार्यवाही को शुरू कर दिया है। कालेजों के प्रिंसिपल्स ने अपने अपने कालेजों में फेल होने वाले स्टूडेंट्स की लिस्ट यूनिवर्सिटी को भेजी है। कालेजों का कहना है कि अगर नियमानुसार बैक पेपर कराया गया तो स्टूडेंट्स का एक साल खराब होगा। ऐसे में यूनिवर्सिटी को फाइनल ईयर में फेल स्टूडेंट्स को एक मौका देना चाहिए।
स्पेशल बैक का मिल सकता है मौका
फाइनल ईयर में हजारों स्टूडेंट्स के फेल होने के मुद्दे पर बीते दिनों यूनिवर्सिटी में मीटिंग आयोजित की गई। मीटिंग में एग्जाम कंट्रोलर राकेश कुमार, असिस्टेंट एग्जाम कंट्रोलर अजय गौतम, कूटा के अध्यक्ष प्रो। बीडी पांडेय, प्रिंसिपल एसोसिएशन के पदाधिकारी और यूनिवर्सिटी के अफसर शामिल रहे हैैं। बताया जा रहा है मीटिंग में तय हुआ है कि यूजी और पीजी फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स के लिए यूनिवर्सिटी के नियमानुसार स्पेशल बैक पेपर कराने का मौका दिया जा सकता है। हालांकि यह फैसला वीसी की सहमति के बाद लिया जाएगा।
यह है सीटों की स्थिति
एएनडी कालेज - एएनडी कालेज की प्रिंसिपल डॉ। ऋतंभरा ने बताया कि कालेज में 12 सब्जेक्ट मेें पीजी कोर्स चलते हैैं। टोटल 720 सीटें हैैं। हर सब्जेक्ट मे महज पांच से छह एडमिशन हुए हैैं। यूजी फाइनल में बैक लगने वाले स्टूडेंट्स की संख्या पर बात करें तो वह 100 से ऊपर है। यदि यह स्टूडेंट पास हो गई होती तो पीजी में एडमिशन बढ़ सकते थे। वहीं यूजी की बात करें तो उसमें भी 20 परसेंट सीटों पर ही एडमिशन हुए हैैं।
पीपीएन कालेज - सिटी के जाने माने पीपीएन कालेज में भी पीजी की सीटों में एडमिशन का संकट खड़ा है। प्रिंसिपल प्रो। अनूप सिंह ने बताया कि पीजी के 13 सब्जेक्ट में 580 सीटें हैैं, अभी तक महज 20 परसेंट सीटें ही भर पाई हैैं। कालेज के यूजी फाइनल के करीब 300 स्टूडेंट फेल हो गए हैैं। यूजी की बात करें तो बीएससी (मैथ) में टोटल 220 में से 85 सीटें खाली हैैं। बाकी में स्थिति ठीक है।
हर सहाय पीजी कालेज - कामर्स की पढ़ाई के लिए प्रतिष्ठित कालेजों में शुमार हर सहाय पीजी कालेज में एमकॉम की टोटल 120 में से 12 सीटों पर ही एडमिशन हुए हैैं। प्रिंसिपल प्रो.अमर श्रीवास्तव ने बताया कि बीकॉम फाइनल में फेल होने वाले स्टूडेंट्स की संख्या ज्यादा है। यही वजह है कि पीजी में एडमिशन कम हो रहे हैैं।
डीएवी - डीएवी पीजी कालेज सिविल लाइंस की टोटल 3625 सीटें है, जिसमें एडमिशन की बात करें तो वह महज 249 हैैं। प्रिंसिपल प्रो। अरुण कुमार दीक्षित ने बताया कि यूजी फाइनल में 300 से ज्यादा स्टूडेंट फेल हुए हैैं। इनका स्पेशल बैक पेपर कराए जाने की कोशिश की जा रही है।