कानपुर (ब्यूरो)। जेके कैंसर इंस्टीट्यूट में कैंसर की पुष्टि करने वाली बायोप्सी जांच तीन साल बाद दोबारा शुरु होने जा रही है। इंस्टीट्यूट प्रबंधन इसकी जिम्मेदारी पीओसीटी एजेंसी को दिए जाने की तैयारी कर रहा है। इसके बाद कैंसर पेशेंट को जांच के लिए सैंपल जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के पैथोलॉजी डिपार्टमेंट नहीं भेजना पड़ेगे। जांच का शुल्क मेडिकल कॉलेज की तरह यहां भी 70 रुपए लिया जा सकता है।

सिर्फ रीजेंट का लिया जाता पैसा
इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ। एसएन प्रसाद ने बताया कि ओपीडी में आने वाले बहुत से पेशेंट बाहर से बायोप्सी जांच कराकर हॉस्पिटल आते हैं। औसत आठ सैंपल डेली बायोप्सी जांच के लिए मेडिक कॉलेज के पैथोलॉजी डिपार्टमेंट भेजते हैं। रिपोर्ट आने में दो सप्ताह के लगभग लग जाता है। उन्होंने बताया कि पीओसीटी के काम शुरु करने पर जांच यहीं होगी। पैथोलॉजी लैब में जांच के सारे उपकरण उपलब्ध हैं। मेडिकल कॉलेज के पैथोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ। महेंद्र सिंह ने बताया कि एजेंसी मैन पॉवर और उपकरण निशुल्क देती है। सिर्फ रीजेंट का पैसा लेती है।

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में लोड होगा कम
जेके कैंसर इंस्टीट्यूट में बायोप्सी जांच की सुविधा शुरु होने से जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के पैथोलॉजी में बायोप्सी जांच का लोड कम हो जाएगा। जिसके बाद पेशेंट को आसानी से 10 दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट मिल जाएगी। वर्तमान में डेली हैलट से 15 से अधिक और जेके कैंसर हॉस्पिटल से डेली 7 से 8 सैम्पल जांच के लिए आते है। जिसकी वजह से पेशेंट को जांच रिपोर्ट के लिए लंबे समय तक वेट करना होता है।