कानपुर (ब्यूरो)। सिम्पल ग्रेजुएशन से स्टूडेंट्स मोह पूरी तरह भंग हो चुका है। यही वजह है कि सीएसजेएमयू कैम्पस और एफिलिएटेड कॉलेजों में एडमिशन प्रॉसेस शुरू होने के बाद भी सीटें नहीं भर पाई हैं। 31 जुलाई को पहली लास्ट डेट निकलने के बाद सीएसजेेएमयू कैंपस के तो गिने चुने डिपार्टमेंट्स में सीटें खाली है लेकिन एफिलिएटेड कालेजों की स्थिति बेहद खराब है। कुछ चुनिंदा कॉलेजों को छोड़ दें तो बाकी में 50 परसेंट से ज्यादा सीटें खाली हैं। इन सीटों को भरने के लिए सीएसजेएमयू ने एडमिशन की डेट को सात अगस्त तक बढ़ा दिया है। रजिस्ट्रार डॉ। अनिल यादव ने बताया कि एंट्रेस एग्जाम से एडमिशन वाले कोर्सेस को छोडक़र अन्य सभी में एडमिशन की डेट को बढ़ाया गया है। कैंपस की खाली सीटों की जानकारी सीएसजेएमयू की वेबसाइट पर अवेलेबल है।

कालेजों के प्रलोभन नहीं आए काम
सीएसजेएमयू से एफिलिएटेड कालेजों में एडमिशन प्रोसेस अप्रैल में यूपी बोर्ड के रिजल्ट आने के साथ ही शुरु हो गया था। एडमिशन के लिए कालेजों ने स्टूडेंट्स को डब्ल्यूआरएन जेनरेट कराने की फैसिलिटी दी। जून महीने में समर्थ पोर्टल से एडमिशन प्रोसेस शुरु होने के बाद उससे अप्लाई कराने समेत आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र बनवाने में भी स्टूडेंट्स का सपोर्ट किया। इसके अलावा कालेज में निशुल्क कॉम्पटेटिव एग्जाम्स की तैयारी और स्किल कोर्स चलाने का प्रलोभन भी दिया, लेकिन स्टूडेंट्स इन बातों से भी मोटिवेट नहीं हुए। अंत में 31 जुलाई तक पहली लास्ट डेट निकल गई और सीटें भी बच गई।

यह है सीटों की स्थिति
सीएसजेएमयू से 621 कालेजों में कुछ ही कालेज ऐसे हैैं जो कि यूजी में 90 परसेंट के लगभग सीटों को भर पाए हैैं। आधे से ज्यादा कॉलेजों में यूजी की सीटों को भरने के लिए स्टूडेंट्स की राह देखी जा रही है। पीजी की बात करें तो यूजी फाइनल के रिजल्ट में बैक लगने, डिटेन और इंकम्पलीट आदि लिखकर आने से सीटों को भरने का संकट है।

केस वन - डीएवी कालेज में यूजी (बीए, बीएससी और बीकॉम) की टोटल 4160 सीटों में महज 790 पर एडमिशन हुए हैैं। पीजी की बात करें तो टोटल 3500 में 1432 में एडमिशन लिए गए हैैं।

केस दो - एएनडी गल्र्स कालेज हर्ष नगर में यूजी (बीए, बीएससी और बीकॉम) में टोटव 1440 सीटें हैैं, जिसमें अभी तक 224 पर एडमिशन हुए हैैं। इसके अलावा पीजी की टोटल 960 सीटों में लगभग 128 सीटों पर एडमिशन हो पाए हैैं।

यूनिवर्सिटी कैंपस - कालेजों के अलावा सीएसजेएमयू कैंपस में भी कुछ डिपार्टमेंट्स की सीटें खाली हैैं। कैंपस में स्कूल आफ लैैंग्वेजेज, इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट का इंटीग्रेटेड बीएसएसी एमएससी समेत कई डिपार्टमेंट्स की सीटें खाली है। खाली सीटों पर स्पॉट काउंसिलिंग के जरिए एडमिशन लिया जा रहा है।

प्रोफेशनल कोर्स की ओर जा रहे स्टूडेंट
कालेजों में ट्रेडिशनल यूजी और पीजी की सीटों के खाली रहने के पीछे का कारण स्टूडेंट्स का रुझान कम होना है। एजुकेशनिस्ट डॉ। अमित निरंजन बताते हैैं कि अब स्टूडेंट्स प्रोफेशनल कोर्सेज को करना चाहता है, जिसको करने के बाद उसको सीधा जॉब मिले। ट्रेडिशनल यूजी और पीजी के बाद जॉब न मिल पाना भी घट रहे एडमिशन का एक कारण है।