कानपुर (ब्यूरो)। 1 नवंबर से ट्रैफिक पुलिस यातायात माह मना रहा है। इसके तहत पुलिस पूरे महीने यानि 30 दिनों तक लोगों को ट्रैफिक रूल्स के प्रति अवेयर करेगी। इसका मकसद, शहर में होने वाले हादसों में कमी लाना है। लेकिन चौंकाने वाली बात है कि छह दिन भी ट्रैफिक पुलिस का यह अभियान कहीं पर नजर नहीं आ रहा है। ट्रैफिक विभाग के सूत्रों की माने तो हर साल यातायात माह के लिए मुख्यालय से फंड जारी किया जाता है। लेकिन दो सालों से मुख्यालय से कोई फंड नहीं मिला है। ऐसे में बिना किसी तैयारी के यातायात माह चलाया जा रहा है। जबकि ट्रैफिक डिपार्टमेंट तीन सालों में 1.20 करोड़ रुपये चालान के जरिए वसूली कर सरकारी खजाने में जमा कर चुका है। इन हालातों में ट्रैफिक पुलिस प्राइवेट संस्थानों के सहयोग से यातायात माह चलाकर सिर्फ खानापूरी कर रहा है। ऐसे में बिना फंड और बिना संसाधन के हादसे कैसे कम होंगे, ये सोचने वाली बात है।
बिना किसी प्लान के चल रहा है यातायात माह
1 नवंबर से पहले 30 दिन का प्लान जारी कर दिया जाता था, लेकिन इस बार कोई प्लान जारी नहीं किया गया है। यातयात माह के पांच दिन हो गए हैं। आज छठवां दिन है। लेकिन ट्रैफिक का कोई भी काम जमीन पर नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में शहर का ट्रैफिक बद से बदतर स्थिति में है। ट्रैफिक मंथ मनाया तो सरकारी आदेश से जा रहा है, लेकिन इसकी बैकबोन व्यापारी बने हुए हैैं।
मीटिंग में व्यस्त ट्रैफिक विभाग के अधिकारी
यातायात मना रहे ट्रैफिक विभाग के अधिकारी पांच दिन से मीटिंग में ही बिजी है। उधर, चौराहों पर ट्रैफिक कंट्रोल करने के बजाय ट्रैफिक पुलिस लूट खसोट में लगी है। इसकी जानकारी ट्रैफिक विभाग के अधिकारियों को भी है। रुपये लेते हुए वीडियो भी वायरल हो रहे हैैं, लेकिन अधिकारी कार्रवाई से कतरा रहे हैैं। कारसेट चौराहे पर वसूली की जानकारी ट्रैफिक विभाग के अधिकारियों के पास है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस संबंध में जब डीसीपी ट्रैफिक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यातायात माह के प्रथम पखवाड़े में स्कूलों में अवेयरनेस प्रोग्राम चलाने को कहा गया है। वहीं, वसूली की बात पर कहा कि जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
डेली जाम से जूझ रहे कानपुराइट्स
फेस्टिवल के बाद जब काम शुरू हुआ तो कानपुराइट्स सड़क पर आ गए। किसी को ऑफिस जाने की जल्दी है तो किसी को अपने कारोबार के सिलसिले में लोगों से मिलने की। बाजार खुला तो बाहर के जिलों से सामान आना भी शुरू हो गया। जाम तो लगना तय था। शहर के अलग अलग चौराहों पर जाम के हालात बन गए। टाटमिल और साउथ जोन को चौराहों पर चौतरफा जाम लगा दिखाई दिया। बारादेवी और जूही चौराहों पर भी जाम के हालात बन गए। अगर ईस्ट जोन की बात की जाए तो फूलबाग और मॉल रोड समेत रामादेवी और लाल बंगले पर जाम के हालात दिखाई दिए। वेस्ट जोन में रावतपुर और गीतानगर भी चोक रहे।