कानपुर (ब्यूरो)। साइबर ठगी गैैंग के सात लोगों को जेल भेज गया है। पूछताछ में पुलिस को बड़ी जानकारी मिली है। जेल भेजे गए सातों आरोपी गैैंग लीडर इक्का के लिए काम करते थे। साथ ही किराये के खातेदार तैयार करते थे। कानपुर पुलिस और साइबर टीम गैैंग लीडर्स इक्का सहित अन्य मेंबर्स की तलाश में भी लगी हुई है। कई अन्य लोग भी हैं, जो इस गिरोह के लिए शहर में रहकर शिकार तलाशने का काम करते हैं।

सात शातिरों को किया था गिरफ्तार

संडे को साइबर सेल और पनकी पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में सात युवकों को पनकी के एमआइजी तिराहे के पास से गिरफ्तार किया था। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उनका काम भोले-भाले गरीब लोगों को पैसे का लालच देकर उनसे बैैंक खाता खुलवाना था। इसके लिए वह गिरोह के सरगना इक्का त्यागी उर्फ भाटी से फोन पर बात कराते थे। बातचीत तय होने पर खाता खुलवाने बैंक तक जाते थे। बैैंक पासबुक खुद ही रख लेते थे। खाता धारकों को हर माह तीन से पांच हजार रुपये देते थे। इन खातों में ही साइबर ठगी की रकम आती थी। जब तक बैैंक खाता फ्रीज नहीं होता तब तक उसका संचालन करते थे।

गुर्गों की अरेस्टिंग के बाद से बंद है गैैंग लीडर का फोन

पुलिस के मुताबिक इस गिरोह का मास्टरमाइंड गौतमबुद्ध नगर का इक्का त्यागी उर्फ भाटी है। सातों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद से उसका फोन बंद है। इसके गिरोह में कई और भी लोग शामिल हैं। जो साइबर ठगी को अंजाम देते हैं। इक्का की गिरफ्तारी होते ही बड़ा राजफाश होगा। फिलहाल इनके खिलाफ गैंगस्टर लगाने की तैयारी है। डीसीपी वेस्ट राजेश कुमार ने बताया कि इक्का त्यागी की तलाश में टीमें लगी हुई हैं। उसके पकड़ में आते ही गिरोह का राजफाश होगा।

यह लोग हुए थे गिरफ्तार

- मंधना निवासी मनीष कुमार
- कल्याणपुर निवासी सुमित
- अरौल निवासी रोहित यादव
- कल्याणपुर निवासी रोहन सिंह
- रसूलाबाद निवासी अभय प्रताप सिंह
- आवास विकास रसूलाबाद निवासी दीपेंद्र सिंह
- मूल रूप से इटावा का श्याम नगर निवासी पवन कुमार

ये हुई थी बरामदगी

इनके पास से पुलिस को विभिन्न राज्यों के बैंकों के 46 एटीएम कार्ड, 22,500 रूपये नकद, सात मोबाइल फोन, एक लैपटाप, एक टैबलेट, छह आधार कार्ड, 21 चेक बुक और पांच पासबुक मिली हैं। गिरोह के खातों को फ्रीज कर 5.50 लाख रुपये भी जब्त किए गए हैं।