कानपुर (ब्यूरो)। मौसम के करवट बदलते ही डेंगू ने अपनी रफ्तार बढ़ा दी है। सिटी में डेंगू के पॉजिटिव केसेस की संख्या 90 के पार हो गई है। थर्सडे को भी एक 28 वर्षीय युवक में डेंगू की पुष्टि हुई है। वहीं पांच संदिग्ध पेशेंट के सैम्पल जांच के लिए मेडिकल कॉलेज में भेजे गए हैं। हेल्थ डिपार्टमेंट के आंकड़ों के मुताबिक सिटी की अपेक्षा वर्तमान में आउटर इलाकों से डेंगू के पेशेंट की संख्या अधिक निकल रही है। जिसको लेकर टीम घर-घर दस्तक देकर लोगों को सतर्कता बरतने का आग्रह कर रही है।
ओपीडी में डेली 6 हजार
डेंगू के अलावा बदलते मौसम में वायरल फीवर के पेशेंट बड़ी संख्या में गवर्नमेंट व प्राइवेट हॉस्पिटल में इन दिनों ट्रीटमेंट के लिए आ रहे हैं। हालात यह है कि हैलट, उर्सला व कांशीराम हॉस्पिटल के मेडिसिन डिपार्टमेंट की ओपीडी में डेली 6 हजार से अधिक पेशेंट डॉक्टर्स को दिखाने के लिए पहुंच रहे हैं। वहीं अगर जांचों की बाते करें तो तीनों ही गवर्नमेंट हॉस्पिटल में डेली 5 हजार से अधिक जांचें डेंगू, मलेरिया व टाइफाइड की हो रही हैं।
हैलट 30, उर्सला व कांशीराम में 10-10 बेड रिजर्व
बरसात के मौसम में उसके बाद होने वाले संचारी रोगों की रोकथाम करने के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट व नगर निगम की टीम लार्वा नष्ट करने व डेंगू के मच्छरों को मारने के लिए सिटी व आउटर इलाकों में फागिंग करा रही है। वहीं डेंगू के पेशेंट का ट्रीटमेंट करने के लिए हैलट, उर्सला व काशीराम हॉस्पिटल में डेंगू वार्ड तैयार कर बेड रिजर्व कर दिए गए है। सीएमओ के मुताबिक हैलट में 30 बेड तो उर्सला व काशीराम हॉस्पिटल में 10, 10 बेड रिजर्व किए गए हैं।
प्लेटलेट्स कम होने पर घबराएं नहीं
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर एसके गौतम ने बताया कि डेंगू के मच्छर काटने के चार से पांच दिन के बाद फीवर आता है। हर फीवर पांच से छह दिन रहता है। फीवर आने के तीन से पांच दिन तक बॉडी में प्लेटलेट्स की संख्या अचानक कम होती जाती है। जिसके बाद छठवें दिन से प्लेटलेट्स की संख्या एकदम से बढऩे लगती है। इस लिए पेशेंट को घबराने की जरूरत नहीं है। दो से तीन दिन फीवर आने पर तत्काल प्रभाव से किसी डॉक्टर से परामर्श लेने के साथ ही ब्लड की जांच अवश्य करा लें।