एक्सक्लूसिव
- देर से ट्रीटमेंट शुरू होने से क्रिटिकल हो रहे पेशेंट्स
KANPUR:
सिटी में डेंगू और मलेरिया का डेडली कॉम्बिनेशन कानपुराइट्स के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। एलएलआर हास्पिटल के मेडिसिन डिपार्टमेंट की हेड प्रो। रिचा गिरि ने बताया कि डेंगू और मलेरिया दोनों के पेशेंट्स लगातार आ रहे हैं। वाईवैक्स और फेल्सीफेरम दोनों तरह के मलेरिया के केसेस सामने आ रहे हैं। ऐसे में पेशेंट्स में कॉम्प्लीकेशंस भी काफी बढ़ जाती हैं। एसोसिएट प्रोफेसर डॉ। बृजेश कुमार के मुताबिक उनकी यूनिट में ही कई ऐसे पेशेंट्स एडमिट हुए हैं, जिन्हें डेंगू और मलेरिया दोनों की पुष्टि हुई है। हालांकि लगातार ट्रीटमेंट से उनकी हालत में सुधार हुआ है।
क्या है फेल्सीफेरम मलेरिया-
मलेरिया दो तरह का होता है। पहला वाईवैक्स और दूसरा फेल्सीफेरम। वाईवैक्स मलेरिया होने पर ज्यादा खतरे की बात नहीं होती है। नार्मल मेडिकेशन से यह सही हो जाता है, लेकिन फेल्सीफेरम मलेरिया को खतरनाक माना जाता है। इसे खूनी मलेरिया भी कहते हैं। पिछले साल बरेली और उसके आसपास इसकी वजह से दर्जनों मौतें हुई थीं। वहीं डॉ। हेमंत मोहन ने बताया कि बार-बार बुखार आने पर फौरन डॉक्टर्स को दिखाएं। समय पर इलाज मिलने से सब ठीक हो जाएगा, लेकिन लापरवाही बरतेंगे तो कंडीशन खराब हो सकती है।
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प्लेटलेट्स की हुई किल्लत
डेंगू की वजह से अब सिटी के ब्लड बैंकों व ब्लड सेपरेशन यूनिटों में प्लेटलेट्स की डिमांड काफी बढ़ गई है। जबकि इसकी सप्लाई बेहद सीमित है। मेडिकल कॉलेज और उर्सला ब्लड बैंक में ही थर्सडे को कुल मिला कर मात्र 43 यूनिट प्लेटलेट्स थीं। ऐसे में मेडिकल कालेज ब्लड बैंक ने हैलट छोड़ दूसरे हॉस्पिटलों के पेशेंट्स को बिना डोनर प्लेटलेट्स देने से मना कर दिया है। प्लेटलेट्स की इस किल्लत के बीच दलाल भी सक्रिय हो गए हैं। जोकि 10 हजार रुपए तक में एक यूनिट प्लेटलेट दिलाने का झांसा दे रहे हैं।
डेंगू से दो बच्चों की मौत
बर्रा के दामोदर नगर में डेंगू से 12 साल के लड़के की मौत हो गई। हरदेव नगर में रहने वाले लड़के के पिता के मुताबिक दो दिन पहले ही उसे अचानक से तेज बुखार आया। उसे पास के डॉक्टर के पास दिखाया तो उन्होंने प्लेटलेट्स की जांच कराई। जिसमें मात्र 12 हजार प्लेटलेट्स काउंट पता चला। हालत नाजुक होने पर लड़के को धनवंतरी अस्पताल में भर्ती कराया गया। पिता के जहां वेडनसडे देर रात उसकी मौत हो गई। वहीं कल्याणपुर निवासी 11 वर्षीय बच्चे की थर्सडे को मौत हो गई। प्राइवेट लैब में हुई जांच रिपोर्ट में उसे डेंगू की पुष्टि हुई थी।
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मच्छरों से ऐसे करें बचाव-
- डेंगू फैलाने वाले मच्छर का लार्वा साफ और ठहरे हुए पानी में पनपता है ऐसे में घर और आसपास पानी का जमाव न होने दें
- डेंगू फैलाने वाला मच्छर सुबह के वक्त और दिन में ज्यादा सक्रिय होता है। इसलिए शरीर को ढक कर रखें
- कूलर, फूलदान या ऐसी जगहें जहां पानी का जमाव होता है वहां मिट्टी का तेल डाल दें
- डेंगू के लिए कोई खास दवा या वैक्सीन नहीं है। समय पर इलाज कराने पर साधारण दवाओं से ही यह पूरी तरह से ठीक हो जाता है
- बुखार आने पर सीधे डॉक्टर को दिखाएं, अपने प्लेटलेट्स काउंट पर नजर रखें
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