कानपुर (ब्यूरो)। Kanpur Crime News: एकता के हत्यारोपित विमल की 48 घंटे की कस्टडी रिमांड खत्म हो चुकी है। पुलिस चार्जशीट दाखिल करने के लिए साइंटिफिक इविडेंस का इंतजार कर रही है जो फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट आने पर मिलेेंगे। वहीं पुलिस की थ्योरी को शुरू से नकार रहे एकता के परिजनों ने जिम ट्रेनर विमल का पॉलीग्राफी टेस्ट कराने की मांग की है जिससे सच सामने आ सके। एकता के पति राहुल का कहना है कि अगर पुलिस विमल का पॉलीग्राफी यानी लाई डिटेक्शन टेस्ट कराया जाए तो तमाम अनसुलझे सवालों से पर्दा उठ सकता है।
बहुत कुछ अधूरा है
एकता के पति राहुल ने बताया कि न जाने क्यों कुछ ऐसा लग रहा है कि अभी इस केस में बहुत कुछ अधूरा है। उन्होंने कहा कि वे बच्चों की परवरिश करने के साथ-साथ लगातार पुलिस प्रशासन के संपर्क में रहेंगे और पूरी कोशिश करेंगे कि विमल को ऐसी सजा मिले जिससे उनकी पत्नी की आत्मा को शांति ंिमल सके। विमल का पालीग्र्राफी टेस्ट कराया जाए, जिससे पता लग सके, मर्डर में और कौन-कौन शामिल थे। जिसे छिपाया जा रहा है।
पहले दिन था परेशान उसके बाद बदल गया मिजाज
जेल के सूत्रों की मानें तो विमल के चेहरे पर पहले दिन तो शिकन दिखाई दी लेकिन जैसे जैसे दिन बीतने लगे वह किसी शातिर अपराधी की तरह व्यवहार करने लगा। पुलिस कस्टडी रिमांड से वापस जेल पहुंचने के बाद तो विमल का अंदाज बेहद शातिराना हो गया। हालांकि इसके लिए उसे जेल प्रबंधन ने टाइट भी किया है। सख्त लहजे में उससे कहा गया है कि तुम्हारी मनमानी नहीं जेल मैनुअल के हिसाब से चलना होगा। जेल के अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक विमल का शातिराना अंदाज उसके चेहरे से पता चलता है, फिलहाल उसकी निगरानी की जा रही है।
मम्मी कहां हैं, कब आएंगी ?
एकता हत्याकांड के बाद बाकी लोगों के लिए तो धीरे धीरे सब कुछ नॉर्मल हो रहा है लेकिन सबसे बड़ी चुनौती राहुल और उसके दो बच्चों के लिए है। राहुल ने जहां पत्नी को खोया तो बच्चों ने छोटी सी उम्र में अपनी मां को। थर्ड में पढऩे वाला हार्दिक और छठवीं में बढऩे वाली अर्शी के चेहरे मुरझाए हुए हैं। राहुल के मुताबिक, उसके पास सबसे बड़ी समस्या बच्चों और खुद को बैलेंस करने की है। मां से बेहद प्रेम करने वाले बच्चे हर समय एकता की जानकारी करते हैैं। सोते, जगते, स्कूल जाते और किसी से भी बात करने के दौरान बच्चों का यही प्रश्न होता है्र कि मां कहां है, कब आएगी?