Kanpur News: ट्रेनों की लेटलतीफी शुरु, टाइम शिड्यूल बनाकर ही करे जर्नी
कानपुर (ब्यूरो)। सर्दी शुरू होने के साथ रेलवे के साथ पैसेंजर्स के लिए मुश्किलों का दौर भी शुरू हो गया है। कोहरे की मार से ट्रेनों की रफ्तार धीमी पडऩे लगी है। जिससे ट्रेनों की लेटलतीफी भी शुरू हो गई है। दो चार घंटे से लेकर 30-30 घंटे की देरी से ट्रेनें पहुंच रही हैं। ट्रेनों के इंतजार में प्लेटफार्म पर बैठे हजारों पैसेंजर्स परेशान होते हैं वहीं ट्रेन में बैठे पैसेंजर्स भी अपना स्टेशन आने का इंतजार करते रहते हैं। ऐसे में अगर आप भी किसी मीटिंग, फंक्शन या अन्य किसी जरूरी काम के लिए ट्रेन से जर्नी प्लान कर रहे हैं तो पूरी तैयारी के साथ निकलें।

हर साल होता कैंसिलेशन

रेलवे पैसेंजर्स सुविधाओं और सेफ्टी को लेकर लेटेस्ट टेक्नोलॉजी यूज करने के दावे करता है लेकिन कोहरे के आगे रेलवे हर साल घुटने टेक देता है। 100 के करीब ट्रेनों को तीन महीने के लिए कैंसिल कर दिया जाता है। कुछ को शार्ट टर्मिनेट तो कुछ के फेरे कम कर दिए जाते हैं। ट्रेनों की ज्यादा लेटलतीफी के कारण लोग अपनी जर्नी कैंसिल कर देते हैं जिससे रेलवे को लाखों रुपए रिफंड करने पड़ते हैं। बीते एक हफ्ते से कोहरे का असर ट्रेनों पर पड़ रहा है। लगातार चार दिनों से रेलवे के एक्स हैंडल और टोल फ्री नंबर पर पैसेंजर्स की इस तरह की शिकायतें आ रही हैं।

मुम्बई, कोलकाता की ट्रेनें अधिक लेट

रेलवे ऑफिसर्स के मुताबिक ठंड की दस्तक हो गई है। सिटी के अंदर इसका प्रभाव कम देखने को मिलता है लेकिन आउटर यानि जंगल एरिया में इसका प्रकोप रात से ही दिखाई देने लगता है। कोहरे व धुंध की वजह से सिग्नल दूर से स्पष्ट न दिखाई देने की वजह से ट्रेनों की चाल धीमी पड़ जाती है। रेलवे ऑफिसर्स के मुताबिक लोकल ट्रेनों की अपेक्षा मुम्बई, कोलकाता समेत लंबी दूसरी तय करने वाली ट्रेनें दो से पांच-पांच घंटे अभी से लेट चल रही हैं।

मिड फरवरी तक रहती समस्या

कोहरे की वजह से अभी से ट्रेनों की लेटलतीफी शुरू हो गई है। यह समस्या रेल पैसेंजर्स को जनवरी मंथ के लास्ट वीके तक फेस करनी पड़ेगी। वीआईपी ट्रेनों की चाल कोहरे की वजह से प्रभावित न हो, इसको देखते हुए दिसंबर से फरवरी तक रेलवे स्पेशल व कई रूटीन ट्रेनों को कैंसिल कर देता हैं। जिससे ट्रैक से पैसेंजर का लोड कम हो सके और एक्सीडेंट होने की आशंका न के बराबर रहे। ट्रेनों के कैंसिलेशन और लेटलतीफी दोनों की वजह से दिसंबर से फरवरी तक रेल पैसेंजर्स को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है।