कानपुर (ब्यूरो)। साबरमती ट्रेन दुर्घटना के मामले में ट्रेन के पैसेंजर्स के साथ स्थानीय पब्लिक के बयान दर्ज करने की समय सीमा खत्म हो चुकी है। जिसके बाद अब एसएजी अपनी रिपोर्ट एनसीआर के जीएम को सौंपेगी। अभी तक की जांच और लोको पायलट व अन्य रेल कर्मियों के बयान के बाद यही निष्कर्ष निकाला जा रहा है कि पटरी के टुकड़े को रेल ट्रैक से बांधा गया। पटरी का टुकड़ा कैटल गार्ड में फंसा जिससे इंजन व अन्य कोच डिरेल हो गए।

20 कोच हो गए थे डिरेल
झांसी के पनकी इंडस्ट्रियल एरिया में वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस का इंजन और 20 कोच बेपटरी हो गए थे। पायलट एपी ङ्क्षसह बुंदेला ने बताया था कि इंजन के कैटल गार्ड से एक भारी वस्तु टकराई, जिसके बाद उन्होंने इमरजेंसी ब्रेक लगाई। इस मामले में रेलवे ने एसएजी की टीम को जांच सौंपी थी।

एसएजी ने तीन दिवसीय जांच के बाद इंजन में लगा स्पीडोमीटर, ट्रैक के बीच में मिला पटरी का टुकड़ा जब्त किया था। इसकी जांच के बाद निष्कर्ष निकला कि पटरी का टुकड़ा ब्रिटिश काल का है। वर्ष 1998 तक इसे रेलवे ने पूरी तरह से हटा दिया था। एसएजी को इसी टुकड़े की वजह से दुर्घटना होने की आशंका है। बहरहाल सूत्र बताते हैं कि 30 अगस्त तक एसएजी अपनी रिपोर्ट एनसीआर के जीएम को सौंप सकती है।