कानपुर (ब्यूरो)। ग्रीन पार्क स्थित जिम से चार महीने पहले गायब हुई एकता गुप्ता की लाश पुलिस ने डीएम कपंाउंड से बरामद कर हत्यारे को भी गिरफ्तार कर लिया है लेकिन इस मर्डर मिस्ट्री में अब भी कई सवाल बाकी हैं। जिनके जवाब मिले बिना ये कहान अधूरी ही रहेगी। डीएम कंपाउंड जैसे हाई सिक्योरिटी वाली जगह पर एक इंसान ने गडढा खोदकर लाश दफन दी और किसी को पता कैसे नहीं चला? लाश गाडऩे के लिए एक इंसान ने इतनी जल्दी इतना बड़ा गड््ढा कैसे खोद लिया? लाश गाडऩे के बाद उखड़ी मिट्टी देख किसी को शक क्यों नहीं हुआ? गड्ढे से स्मेल क्यों नहीं आई? ऐसे ही कई सवालों के जवाब पुलिस को अभी देने होंगे।
किसी और से शादी की तो अच्छा नहीं होगा?
एकता के हत्यारे विमल को संडे को पुलिस ने जेल भेज दिया। एडीश्नल सीपी लॉ एंड ऑर्डर हरीश चंद ने बताया कि आरोपी गोवा, दिल्ली, ग्वालियर, पंजाब के जालंधर तक पुलिस को छकाता रहा। शातिर दिमाग होने के चलते वह मोबाइल का यूज नहीं कर रहा था, इसी वजह से गिरफ्तारी में चार महीने लग गए। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सनसनी फैलाने वाली वारदात 24 जून की है। आरोपी विमल सोनी जिम ट्रेनर था। अपने कुबूलनामे में रायपुरवा निवासी विमल ने बताया कि एकता नवंबर 2023 से जिम आती थी। इसी दौरान हमारा अफेयर हो गया। मेरे पार आई-10 कार थी, जिसमें हम दोनों अक्सर मिलते थे। वारदात के कुछ दिन पहले ही उसकी शादी पूजा से तय हो गई थी। इस बात से वह काफी नाराज रहने लगी थी। अक्सर लड़ाई करती थी और धमकी देती थी कि अगर तुमने किसी और से शादी की तो अच्छा नहीं होगा।
इसलिए रास्ते से हटाना पड़ा
विमल के मुताबिक, एकता की बढ़ती धमकियों के चलते उसने उसे रास्ते से हटाने का प्लान बनाया। उसने रोज की तरह 24 जून को सुबह 05:45 पर भांजे के साथ आकर जिम खोल दिया था। 06:00 बजे एकता मैम जिम में आ गई। एकता लगभग 15-20 दिन बाद जिम आई थीं। उसने एकता को ठीक से जिम कराया और रोज की तरह एकता को एनर्जी ड्रिंक पिलाई जिसमें नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया, जिससे उसका सिर घूमने लगा। मैैंने ही उनसे गाड़ी में चलकर बैठने को कहा था। लगभग 07:00 बजे एकता जिम से निकल गई। पीछे पीछे मैैं भी गाड़ी में आकर बैठ गया। वह हल्के नशे में हो गई तो उनसे मेरी बहस हो गई। मैंने प्लान के मुताबिक एकता की गर्दन पर घूसे से वार कर दिया, जिससे वे बेसुध हो गई। इसके बाद गाड़ी में रखी रस्सी से एकता का गला घोंट कर हत्या कर दी। जिंदा न बच पाए इसलिए दुपट्टïे से उसका गला घोंट दिया।
लाश लेकर पूरे शहर में घूमता रहा
विमल ने पुलिस को बताया कि डार्क फिल्म लगी होने के कारण बाहर से गाड़ी के अंदर दिखाई नहीं देता था। उसने आगे की सीट तोडक़र एकता की डेडबॉडी सीधी लिटा दी। इसके बाद लाश ठिकाने लगाने के लिए गंगा बैराज गया लेकिन वहां भीड़भाड़ होने की वजह से वापस लौट आया। कंपनी बाग से रावतपुर की तरफ थोड़ी दूर जाकर एकता का मोबाइल तोडक़र सिम और सिम ट्रे निकालकर अपनी गाड़ी के डैश बोर्ड पर रख लिया और उसका जिम बैग वहीं फेंक दिया।
और जब सच्चाई आई सामने
विमल ने पुलिस को बताया कि एकता की बॉडी को बिठूर में गंगा में फेंका था। पुलिस ने एकता का शव तलाशने की तमाम कोशिश कीं, लेकिन शव बरामद नहीं हुआ। सीसीटीवी फुटेज भी न मिलने पर पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो विमल ने जो सच्चाई बताई उसे सुनकर पुलिसकर्मियों के भी दिल दहल गए। उसने बताया कि डीएम आवास के पास बने ऑफीसर्स क्लब में एकता की डेडबॉडी छिपाई दी थी। क्योंकि क्लब की चाबी उसके पास रहती थी। डेडबॉडी छिपाने के बाद इधर उधर घूमता रहा। दोपहर लगभग दो बजे फिर वहीं पहुंचा और गड्ढा खोदकर शव पर मिट्टïी डाली। उसके ऊपर कूड़ा करकट डाला और निकल आया।
इस तरह से काटी फरारी
विमल ने बताया कि इसके बाद वह रोडवेज बस से दिल्ली आ गया। कुछ दिन दिल्ली, चंडीगढ़ भी रहा। कानपुर भी पैसे की जुगाड़ में आया था। अमृतसर के आनंद बार में वेटर की नौकरी भी 49 दिन तक की। विमल ने पुलिस को बताया कि जिस फावड़े से उसने गड्ढा खोदा था वह गड्ढे के पास ही छोड़ दिया था। पुलिस ने डीएम कंपाउंड स्थित ऑफीसर्स क्लब में बताए स्थान पर खुदाई करवाई तो नर कंकाल बरामद हुआ। पुलिस को कंकाल के गले में लिपटी रस्सी और दुपट्टïा भी मिला। कंकाल के ऊपर मिले कपड़ों के रंग के परिवार वालों ने पहचान की। उसी रस्सी का एक बड़ा हिस्सा उस आई-टेन कार से भी बरामद हुआ, जिस कार में उसकी हत्या की गई थी। एकता के कंकाल की एटॉप्सी पैनल से और फोटोग्राफी के आदेश जारी किए गए। डीएनए परीक्षण के लिए भी सैैंपल कलेक्ट करने को कहा गया।
कहानी में ये सवाल तो बनते हैं?
- जिस गेट से पुलिस आई-टेन कार अंदर ले जाने की बात कर रही है वह 54 इंच का है, जबकि आई-10 कार की चौड़ाई विदआउट साइड मिरर 57 इंच है?
- सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक हत्या और दफनाने में 45 मिनट का समय लगा, क्या कोई व्यक्ति अकेले इतना गहरा गड्ढा खोद सकता है, पुलिस ने एक ही आरोपी बताया?
- वीआईपी और एक्स्ट्रा सिक्योरिटी वाला स्थान डीएम कंपाउंड होने की वजह से सुरक्षा पर बड़ा सवाल उठ रहा है। आखिर दिन दहाड़े विमल ने अकेले ये सब कैसे कर लिया?
- गड्ढा खोदे जाने पर चार फीट तक गड्ढे से कोई स्मेल क्यों नहीं आई? जबकि डेडबॉडी की स्मेल दूर तक उड़ती है?
- विमल के मुताबिक, उसने सुबह सूरज के उजाले और दोपहर मेें डीएम कंपाउंड में एक लाश को गाड़ दिया? आखिर किसी की नजर उस पर क्यों नहीं पड़ी?
-अगर विमल ने लाश वहां पर किसी तरह गाड़ भी दी तो उसके बाद भी वहीं की स्थिति को देखकर किसी को शक क्यों नहीं हुआ?