- ऑनलाइन प्रोडक्ट खरीदने का झांसा देकर लोगों को जाल में फंसाते हैं
- सात दिन में ऑनलाइन फ्रॉड के 15 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं
-साइबर एक्सपर्ट्स ने कहा, अवेयर रहकर ही फ्रॉड से बचा जा सकता है
KANPUR :
अगर आप ऑनलाइन सेकेंड हैंड चीजें खरीदने या बेचने के शौकीन हैं। तो आपको स्मार्ट शॉपिंग के साथ ही खुद भी स्मार्ट बनकर रहना होगा। क्योंकि आपकी छोटी सी चूक आपको मुश्किल में डाल सकती है। दरअसल सेकेंड हैंड सामान खरीदने व बेचने वाली वेबसाइट्स पर साइबर ठगों ने अपना मायाजाल बिछा रखा है। जिसमें ठग वेबसाइट्स पर प्रोडक्ट बेचने के साथ ही प्रोडक्ट खरीदने का झांसा देकर कानपुराइट्स को अपना शिकार बना रहे हैं। पिछले सात दिनों के अंदर सिटी में ऑनलाइन फ्रॉड के ऐसे 15 मामले सामने आए। जिनमें से कईयों ने डीजे आई नेक्स्ट के कानपुर कॉलिंग पर भी अपनी कम्प्लेन की। जिसपर डीजे आई नेक्स्ट ने वेबसाइट्स पर फैले ठगों के मायाजाल की पड़ताल की।
प्रोडक्ट खरीदने का झांसा देकर
साइबर ठगों ने कुछ दिन पहले दर्शनपुरवा के जसप्रीत कौर को अपना शिकार बनाया। ठगों ने प्रोडक्ट बेचने की बजाय प्रोडक्ट खरीदने का झांसा देकर जसप्रीत को ठग लिया। जसप्रीत ने वेबसाइट पर अपनी बाइक बेचने के लिए बाइक की फोटो और अपना मोबाइल नंबर पोस्ट किया था। कुछ दिन बाद एक अंजान नंबर से जसप्रीत के पास फोन आया और 85 हजार रुपए में डील फाइनल हो गई। इसके बाद उसने जसप्रीत से कहा कि वह आनलाइन पेमेंट करेगा। इसलिए आपको पेमेंट रिसीव करने के लिए रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आने वाले कोड बताना होगा। जसप्रीत ने भरोसा कर जैसे ही कोड नंबर बताया, उनके एकाउंट से 33 हजार रुपये निकल गए।
आनलाइन पेमेंट एप का सहरा ले रहे हैं साइबर ठग
एक्स पुलिस ऑफिसर वीके सिंह ने बताया कि इन दिनों साइबर ठगी के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोग अवेयर हुए हैं। लेकिन साइबर ठग अपनी दुकान चलाने के लिए नए-नए तरीके ढूंढ कर ला रहे हैं। कुछ समय पहले पुलिस ने ऑनलाइन वेबसाइट पर प्रोडक्ट बेचने के नाम पर फ्रॉड करने वाले गैंग का खुलासा किया था। जिसके बाद लोग प्रोडक्ट खरीदते वक्त सावधानी बरतने लगे। लेकिन अब साइबर ठगों ने प्रोडक्ट खरीदने का झांसा देकर लोगों को ठगना शुरू कर दिया है। इसके लिए ऑनलाइन पेमेंट एप का सहारा ले रहे हैं।
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इन बातों का ध्यान रखकर बच सकते हैं
- यूपीआई पिन की जरूरत सिर्फ ऑनलाइन पेमेंट करने के वक्त जरूरत पड़ती है, पेमेंट रिसीव करते वक्त इसकी जरूरत नहीं पड़ती है।
- अगर कोई व्यक्ति आपको पेमेंट कर रहा है और वो आपसे आपका यूपीआई पिन पूछता है तो उसे अपना यूपीआई पिन नंबर न बताएं।
- अगर पेमेंट करने वाला व्यक्ति आपके मोबाइल पर आए किसी ओटीपी की जानकारी मांगता है तो समझ जाइए कि वो आपको ठगने का प्रयास कर रहा है।
- ऑनलाइन पेमेंट एप के जरिए खुद को रजिस्टर्ड कराने के नाम पर अगर पेमेंट करने वाला आपकी यूनिक आईडी पूछता है तो समझ जाइए कि वो फ्रॉड है।
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अब तक 15 से ज्यादा मामले
कानपुर पुलिस के डाटा की मानें तो प्रोडक्ट खरीदने का झांसा देकर ठगी करने के अब तक 15 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। सभी मामलों में एक ही तरह से ठगी की गई है। इससे पुलिस का मानना है कि जालसाजों के एक ही रैकेट ने इन लोगों के साथ ठगी की है। पुलिस पीडि़तों के पास जिस नंबर से फोन आया है। उनके यूजर का पता लगाने की कोशिश कर रही है, लेकिन पुलिस को अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है। सूत्रों के मुताबिक पुलिस को अभी तक जिन नंबर्स के बारे में पता चला है। वे छत्तीसगढ़ और बिहार के हैं। इसलिए अब पुलिस दोनों स्टेट में दबिश देने की तैयारी कर रही है।
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साइबर क्रिमिनल्स नए नए तरीके से ठगी कर रहे हैं। इस समय प्रोडक्ट खरीदने का झांसा देकर ठगी करने का तरीका ज्यादा यूज हो रहा है। इन क्रिमिनल्स से बचने के लिए लोगों को अवेयर रहना होगा। वे ऑनलाइन पेमेंट की पूरी जानकारी हासिल करने के बाद ही किसी भी एप को यूज करें। अगर उनको एप को यूज करना नहीं आता है तो वे ऑनलाइन पेमेंट करने व लेने दोनों से ही बचें।
रक्षित टंडन, साइबर एक्सपर्ट
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ऑनलाइन ठगी के कई तरह के मामले आ चुके हैं। जिसमें यह नया तरीका है। पुलिस की साइबर टीम इन रैकेट्स से जुड़े लोगों की धरपकड़ में लगी है। जल्द ही पुलिस को इन क्रिमिनल्स को पकड़ने में सफलता मिलेगी।
राजेश यादव, एसपी क्राइम