कानपुर (ब्यूरो)। सिटी के चार जोन में साइबर चौकी बनाई जाएंगी। इतना ही नहीं, इन चौकियों की वर्किंग थानों की तरह ही होगी। चौकी में तैनात पुलिसकर्मियों को गाड़ी और आम्र्स भी दिए जाएंगे। साथ ही साइबर क्रिमिनल्स पर एक्शन के लिए अलग टीमें होंगी। दरसअल, साइबर क्राइम की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए शासन ने यह आदेश दिये हैं। हालांकि शहर में अभी जो साइबर थाने हैं। यहां पर इंस्पेक्टर, दारोगा और सिपाहियों की तैनाती भी हैं, लेकिन साइबर ठगी की घटनाएं ज्यादा होने की वजह से उनका निस्तारण नहीं हो पा रहा है। ऐसे में अब शासन ने बदलाव किया है।

टेक्निकल सिपाहियों की तैनाती
पुलिस अधिकारियों की माने तो ये कहने को चौकियां होंगी लेकिन इनमें हवालात, इंट्रोगेशन रूम और २४ घंटे पुलिस कर्मियों के रहने के लिए बैरिक और खाने के लिए मेस का इंतजाम होगा। यहां वायरलेस होगा और थाने की तर्ज पर इस चौकी में तैनात पुलिसकर्मियों को गाड़ी और आम्र्स दिए जाएंगे। दरअसल, अभी तक थाने की टीम के पास न तो अपनी गाड़ी होती थी और न ही आम्र्स। ऐसे में अब इन चौकियों में तैनाती के लिए पुलिस कर्मियों की तलाश चल रही है। कानपुर कमिश्नरेट में जो सिपाही बीटेक या कोई टेक्निकल डिग्री लिए हैैं। उनकी तलाश की जा रही है। उनकी तैनाती इसी चौैकी में की जाएगी।


सुरागरसी के लिए अलग से रहेगी टीम
कानपुर में एटीएम बूथ पर होने वाले क्राइम और क्राइम करने वालों की तलाश भी की जाएगी। अब तक रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए पीडि़त को थाने जाना पड़ता था लेकिन इन चौकियों पर रिपोर्ट दर्ज की जाएगी। चौकी में तैनात पुलिस कर्मियों के पास अकाउंट फ्रीज करने की सुविधा होगी लिहाजा पीडि़त का पैसा जल्दी फ्रीज कराने से ज्यादा रकम बचने की उम्मीद रहेगी।


अलग-अलग स्पेशलिस्ट किए जाएंगे तैनात
इन चौकियों में अलग-अलग क्राइम के स्पेशलिस्ट तैनात किए जाएंगे। विभाग के अधिकारियों की माने तो चौकी और थाने में तैनात स्टाफ को लखनऊ में ट्रेनिंग के लिए भेजा जाएगा। दरअसल साइबर शातिर रोज नए नए पैैंतरों से ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैैं। चौकियों में तैनात पुलिस कर्मियों को टेस्ट के आधार पर ट्रेनिंग के लिए भेजे जाने का प्लान बनाया गया है।