कानपुर (ब्यूरो)। फौजियों के बैलेट पेपर पर लगे बार कोड को स्कैन कर ही सर्विस वोट की गिनती की जाएगी। काउंटिंग से पहले यह सुनिश्चित किया जाता है कि सर्विस वोटर को भेजा गया बैलेट पेपर ही स्पीड पोस्ट से आया है। इसके लिए पहले पहले बार कोड स्कैन व क्रमांक मिलान किया जाता है।

लगा होता है बार कोड
देश की सरहद पर तैनात फौजियों का मतदान इलेक्ट्रानिक ट्रांसमिशन पोस्टल बैलेट सर्विस (ईटीपीबीसी) के तहत कराया जाता है। उन्हें ऑनलाइन बैलेट पेपर, बार कोड वाला लिफाफा इलेक्ट्रानिक्स रूप से भेजा जाता है। मतदान के बाद बैलेट पेपर वापस आता है। एक बड़े लिफाफे के अंदर बैलेट पेपर वाला दूसरा लिफाफा होता है। इस पर बार कोड होता है।

कहीं बदला तो नहीं
काउंटिंग से पहले यह बार कोड स्कैन किया जाता है कि भेजा गया ही लिफाफा ही वापस आया है, कहीं बदला तो नहीं गया। एसीएम राजेश कुमार ने बताया कि एक लिफाफे में उद्घोषणा और दूसरे में बैलेट पेपर होता है। दोनों लिफाफों पर एक क्रमांक नंबर होता है। इसका मिलान भी किया जाता है। ये प्रॉसेज कम्प्लीट होने के बाद सर्विस वोट की गिनती होती है।