कानपुर (ब्यूरो)। रेल बाजार निवासी दानिश की आत्महत्या करने के मामले में एसीपी बाबू पुरवा अंजलि विश्वकर्मा की जांच पूरी हो गई है। जांच रिपोर्ट में बताया गया है कोर्ट से दर्ज हुए केस में दारोगा माजिद खान दानिश को बयान दर्ज करने के लिए बुला रहे थे। दो बार बुलाने की जानकारी एसीपी को लगी है। वहीं दारोगा ने भी अपने बयानों में बताया कि उसने बयान दर्ज करने के लिए दानिश को बुलाया था। इसकी जांच की गई जिसमें आरोप निराधार पाया गया। डीसीपी साउथ अंकिता शर्मा ने बताया कि दारोगा ने बयान देने के लिए बुलाया था, उसका कोई दोष नहीं है जबकि बहनोई सरताज और उसकी पत्नी समेत तीन के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। लगाए गए आरोपों की जांच की जाएगी।
ये था मामला

रेल बाजार थानाक्षेत्र के मीरपुर निवासी 30 साल का दानिश खान ट्रेडिंग का काम करता था। फ्राइडे को वह माल रोड स्थित शिव नारायण टंडन सेतु पहुंचा। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक उसने वहां पर लगभग एक घंटा किसी से टहल कर बात की। उसके बाद ट्रेन आने के समय वह पटरी पर जाकर लेट गया। ट्रेन दानिश के ऊपर से निकल गई और उसकी गर्दन अलग हो गई। दानिश खान की मां रईसा बेगम के अलावा दो भाई लवी, फहीम खान और दो बहने नाजिया और अंजुम बेगम है। दोनों बहनों की शादी हो चुकी है। लवी खान सऊदी में काम करता है। लवी ने बताया कि अंजुम की शादी बेगमपुरवा निवासी सरताज अहमद के साथ की गई थी। सरताज और दानिश मिलकर ट्रेडिंग का काम करते थे।

ये था आरोप

फैमिली मेंबर्स के अनुसार अंजुम ने आरोप लगाया गया था कि रईसा बानो और दानिश ने मिलकर 20 जुलाई 2024 को अंजुम के घर से चार लाख कैश और 121.200 ग्राम सोने के जेवरात चुरा लिए हैं। इनसे मांगने पर भाई राशिद ने उसे जान मारने की धमकी दी थी। इस एफआईआर के लिखाने के बाद विवाद और बढ़ गया था। चौकी इंचार्ज को सरताज ने अपने साथ मिला लिया। एफआईआर दर्ज होने के बाद चौकी इंचार्ज को ही इसकी विवेचना दी गई। वह लगातार दानिश को फोन करके बुला रहा था।

सुसाइड नोट नहीं आया सामने

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक दानिश का लिखा हुआ सुसाइड नोट जांच के लिए भेजा जाएगा। वहीं परिवार वालों का आरोप है कि सुसाइड नोट उन्हें भी नहीं दिखाया गया। डीसीपी साउथ अंकिता शर्मा ने बताया कि जांच हो रही है जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।