कानपुर (ब्यूरो)। डिस्ट्रिक्ट के पांच वर्ष तक की आयु वाले छूटे हुए बच्चों को मीजल्स रूबेला (एमआर )इंफेक्शन से बचाने के लिए स्पेशल ड्राइव शुरू की जाएगी। इसमें आशा वर्कर एक-एक बच्चे की लिस्ट बनाएंगी और 25 नवंबर से छह दिसंबर तक शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों का वैक्सीनेशन किया जाएगा।

रोडमैप तैयार करने के निर्देश

बुधवार को रामादेवी स्थित सीएमओ ऑफिस में डिस्ट्रिक्ट इम्यूनाइजेशन ऑफिसर डॉ। यूबी ङ्क्षसह ने बताया कि सभी अधीक्षकों को अपने अरबन व रूरल ब्लाक एरिया में वंचित बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर रोड मैप तैयार करने के निर्देश दिए है। हेल्थ इम्प्लाई घर-घर जाकर सर्वे करेंगे कि किन बच्चों को खसरा-रूबेला वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज नहीं लगी है? सभी को 14 नवंबर तक वंचित बच्चों की रिपोर्ट सौंपनी होगी। जिसके बाद वैक्सीन लगवाने से वंचित बच्चों की जानकारी के लिए आशा वर्कर घर-घर पहुंचेंगी।

ये होते हैं लक्षण

उन्होंने बताया कि बच्चों में इस बीमारी के मुख्य लक्षण बुखार, खांसी, बहती नाक, लाल आंखें, शरीर पर चकत्ते दिखते हैं। इसे खसरा का संकेत माना जाता है। यह सांस के माध्यम से एक से दूसरे में फैलता है। खसरे के कारण होने वाले अंधापन, इंसेफेलाइटिस, गंभीर अतिसार और निमोनिया जैसी जटिलताएं भी होने का खतरा रहता है।