-मासूम से हैवानियत के आरोपी को रिकॉर्ड समय में आजीवन कारावास की सजा सुनाकर कोर्ट ने पेश की नजीर
- कानपुर की कोर्ट में पास्को एक्ट के किसी भी मामले में इतनी जल्दी सुनवाई पूरी कर सजा सुनाने का पहला मामला
- बिठूर में 27 जुलाई को हुई थी घटना, सोशल मीडिया पर कोर्ट के साथ पुलिस के काम की भी हो रही है तारीफ
KANPUR : कोर्ट की लंबी प्रोसीडिंग, गवाहों के बयान और जिरह में फंसे लाखों मामलों में जहां पीडि़त न्याय के इंतजार में थक चुके हैं, वहीं कानपुर कोर्ट ने 23 दिनों के अंदर सुनवाई पूरी कर फैसला सुनाते हुए नई नजीर पेश की है। बिठूर में तीन साल की मासूम के साथ हैवानियत करने वाले अधेड़ को गुरुवार को आजीवन कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई। यह कानपुर कोर्ट के लिए पहला मामला है जब पास्को एक्ट के किसी मामले में 23 दिन में सुनवाई पूरी कर फैसला सुनाया है। यह त्वरित सुनवाई की नजीर भी बन गया है। इस फैसले पर सभी ने खुशी जताते हुए कोर्ट के साथ ही कल्याणपुर सीओ की भी तारीफ की। सीओ ने पुख्ता सबूत जुटाकर समय से जांच पूरी कर चार्टशीट दाखिल कर दी थी। जिससे मुकदमे की सुनवाई जल्द शुरू हो सकी।
आजीवन कारावास, 1 लाख जुर्माना
बिठूर प्रेम गांव निवासी किसान की तीन साल की नातिन के साथ गांव के ही राधेश्याम राजपूत ने हैवानियत कर दी। मासूम के रोने की आवाज सुनकर नाना दौड़कर मौके पर पहुंचे तो उनको देखकर राधेश्याम भाग निकला। शोर मचाने पर ग्रामीणों ने राधेश्याम को दौड़ाकर पकड़ लिया। इसके बाद उसको पीटते हुए पुलिस के सुपुर्द कर दिया। सीओ कल्याणपुर अजय कुमार ने रिपोर्ट दर्ज कराकर राधेश्याम को जेल भेज दिया। इसके बाद महज 51 दिन जांच पूरी कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। एडीजे विजय राजे सिसौदिया ने 23 दिन में सुनवाई पूरी कर शुक्रवार को राधेश्याम को आजीवन कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
सोशल मीडिया में हुआ वायरल
कोर्ट का फैसला आते ही सोशल मीडिया पर कोर्ट और पुलिस को बधाई देने का सिलसिला शुरू हो गया। कल्याणपुर सीओ अजय कुमार को सभी ने बधाई देते हुए उनके काम की सरहाना की। सीनियर एडवोकेट कौशल किशोर दीक्षित का कहना है कि यह केस इस तरह के मामलों में नजीर बन गया है। कोर्ट के साथ ही अभियोजन पक्ष के वकील और पुलिस बधाई की पात्र है।