कानपुर (ब्यूरो)। आईआईटी के साइंटिस्ट ऐसा एमएम वेव एंटीना डेवलप करने जा रहे हैं, जिसके जरिए गाडिय़ों के हादसे रोके जा सकेंगे। एंटीना से मिलने वाले संदेशों के बेस पर गाडिय़ों में अपने आप ब्रेक लग जाएंगे। आगे यही तकनीकि स्वदेशी ड्राइवरलेस कार डेवलप करने में कारगर होगी। इसके लिए आईआईटी ने एक प्राइवेट कंपनी के साथ एमओयू किया है। इस तकनीक के डेवलपमेंट पर देश में पहली बार काम किया जा रहा है।
एडास प्लेटफार्म पर टेस्टिंग
प्रो। राघवेंद्र चौधरी के नेतृत्व में संचालित आईआईटी की एमएम वेव लैब में इस तकनीक के विकास पर काम किया जाएगा। इसके तहत एमएम वेव एंटीना का डिजाइन और प्रोटोटाइप तैयार होगा, जिसकी एडास प्लेटफार्म पर टेस्टिंग की जाएगी। आईआईटी के डीन, रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रो। तरुण गुप्ता ने बताया कि इस रिसर्च में कम्पनी की इंडस्ट्रियल एक्सपर्टस का लाभ मिलेगा।
80 डिग्र्री तक में कवरेज
प्रो। चौधरी ने बताया कि ऐसा एमएम वेव एंटीना डेवलप करने का टारगेट है जो मौजूदा सिस्टम के मुकाबले अधिक दायरे में सुरक्षा प्रदान कर सके। 77 गीगा हट््र्ज के एंटीना तैयार करेंगे जो 10 मीटर दूरी और 80 डिग्री तक कवरेज करने में सक्षम होगा। इससे भविष्य में ड्राइवर के बगैर चलाई जाने वाली गाडिय़ों को भी तैयार किया जा सकेगा। इसकी मदद से गाडिय़ों की दुर्घटनाओं को रोका जा सकेगा। एंटीना से मिलने वाले संदेशों के आधार पर गाडिय़ों में अपने आप ब्रेक लग जाएंगे।
एमओयू पर साइन किए
आईआईटी के डीन , रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रो। तरुण गुप्ता और प्राइवेट कम्पनी के सीओओ परितोष दगली ने एमओयू पर साइन किए। इस तकनीक विकास का उद्देश्य एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (एडास) को और भी मजबूत करना है। आईआईटी प्रो। राघवेंद्र कुमार चौधरी, प्रो। एआर हरीश और प्रो। कुमार वैभव श्रीवास्तव ,पीएचडी छात्रा संजना पाल और श्रेया पौरुष की टीम इस प्रोजेक्ट पर काम करेगी।
वायरलेस पावर ट्रांसफर
आईआईटी की एमएम वेव लैब में वायरलेस कम्यूनिकेशन के लिए रिसर्च किया जा रहा है। आठ पीएचडी और दो पोस्ट डाक्टरल फेलो के साथ एम.टेक, बी.टेक स्टूडेंट भी जुड़े हैं। 6- जी के लिए निकट और दूर-क्षेत्र फोकङ्क्षसग मेटासर्फेस और बायोमेडिकल अप्लीकेशंस के लिए वायरलेस पावर ट्रांसफर पर इस लैब में काम किया जा रहा है।