कानपुर (ब्यूरो)। महिला अपराध के निस्तारण में यूपी पूरे देश में नंबर वन है, लेकिन कानपुर की हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। महज 30 परसेंट केस ही सॉल्व हो पाए हैं। इतना ही नहीं, महिला अपराध के मामले भी दिन ब दिन बढ़ रहे हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो छह महीने में 541 महिला अपराध के मामले सामने आए हैं। इनमें सबसे ज्यादा मामले झांसा देकर रेप के हैं। वहीं, छेड़छाड़ के मामले भी खूब हुए हैं। अधिकारियों का दावा है कि 30 फीसद मामलों का निस्तारण किया जा चुका है। लगभग 20 से 25 फीसद निस्तारण के करीब पहुंच चुके हैैं। वहीं 45 फीसद मामलों मेें अब तक पुलिस बयान, जांच और मेडिकल में उलझी हुई है। ये हालात तब हैैं जब यूपी सरकार महिला अपराध को लेकर प्रो-एक्टिव है।

सोशल मीडिया बड़ी वजह
महिला उत्पीडऩ के मामलों की जब वजह तलाशी गई तो बड़ी वजह सामने आई &सोशल मीडिया&य। सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफार्म पर एक दूसरे के संपर्क में आकर कभी शादी का झांसा देना तो कभी नौकरी का झांसा देना और कभी और किसी न किसी तरीके से एक दूसरे के संपर्क में आना और फिर दोस्ती के बाद वीडियो बनाने के बाद उनका दुरुपयोग करना यानी झांसा देकर वारदात को अंजाम देना। अगर आंकड़ों पर गौर करें तो जनवरी से जून तक कुल 118 मामले झांसा देकर रेप करने के सामने आए हैैं।


आपसी रंजिश में केस
पुलिस अधिकारियों की माने तो इस तरह के ज्यादातर मामले आपसी रंजिश में लिखाए जा रहे हैैं। लडक़ा लडक़ी अपनी मर्जी से चले जाते हैैं तो भी फैमिली मेंबर्स किडनैपिंग और रेप का केस दर्ज करा देते हैैं। बयान और मेडिकल के दौरान ये मामले थाने के गेट के बाहर आते आते दम तोड़ देते हैैं।

महिला पुलिसकर्मियों की कमी
शासन का आदेश है कि महिला उत्पीडऩ के मामलों में महिला पुलिस कर्मी ही बयान दर्ज करेगी, महिला पुलिस कर्मी ही मेडिकल और कोर्ट में ले जाएगी। कमिश्नरेट में महिला पुलिस कर्मियों की कमी की वजह से महिला उत्पीडऩ की पेंडेंसी बढ़ जाती है। कुछ दिन पहले ही शासन ने थाने में महिला पुलिस कर्मियों की बिना मर्जी के तैनाती करने पर रोक लगा दी थी, जिसकी वजह से पेंडेंसी बढ़ रही है।


कमिश्नरेट में ये हैैं महिला उत्पीडऩ रोकने के इंतजाम
योजना हकीकत

- मिशन शक्ति -आधी अधूरी तैयारी से चल रहा
- प्रबल प्रतिक्रिया एप- पूरी तरह से बंद
- पिंक चौकी- केवल नाम की रह गई
- एंटी रोमियो स्क्वॉयड- केवल स्कूल तक सीमित
- आपरेशन मजनू- पूरी तरह से बंद
- मनचलों को रोकने का प्लान- बंद पड़ा