- मेडिकल कॉलेज के इंस्टीटयूट ऑफ मेडिसिन में पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजी कांफ्रेंस में जुटे नामी एक्सपर्ट्स
KANPUR: बच्चों में ब्रेन स्ट्रोक की बड़ी वजह गंदगी है। देश में इसी वजह से बच्चों में स्ट्रोक की सबसे ज्यादा प्रॉब्लम होती है। वक्त पर सही इलाज मिलने पर इसे सही भी किया जा सकता है। नहीं तो ब्रेन में इसका असर पड़ने पर उम्र के साथ कई प्रॉब्लम्स सामने आती हैं। मेडिकल कॉलेज के इंस्टीटयूट ऑफ मेडिसिन में हुई पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजी कांफ्रेंस में आए एम्स के डॉ। प्रशांत जौहरी ने यह जानकारी दी। वहीं पीजीआई चंडीगढ़ के डॉ। लोकेश सैनी ने बताया कि बच्चों में इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस की वजह से भी झटके आते हैं। अगर बार बार और देर तक झटके आएं तो खतरा ज्यादा होता है। अब ऐसे स्प्रे आ गए हैं कि अगर उन्हें झटका आने के वक्त नाक में डाल दिया जाए तो उसे रोका जा सकता है। कांफ्रेंस का उदघाटन आईआईटी के डायरेक्टर प्रो। अभय करींदकर ने किया। कांफ्रेंस के आर्गनाइजिंग चेयरपर्सन डॉ। यशवंत राव ने इस दौरान पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजी में रिसर्च के लिए आईआईटी और मेडिकल कालेज के साथ मिल कर काम करने की बात कही। प्रोग्राम में एम्स, पीजीआई, केजीएमयू समेत देश के कई नामी संस्थानों के डॉक्टर्स मौजूद रहे।