कानपुर (ब्यूरो)। अगस्त और सितंबर का महीना रेलवे की सुरक्षा के लिहाज से अच्छा नहीं रहा। सिर्फ कानपुर में चार घटनाओं सहित देश भर में रेलवे ट्रैक पर छेड़छाड़ कर ट्रेन को दुर्घटनाग्रस्त करने के प्रयास के 50 से अधिक मामले सामने आए। जिससे न सिर्फ पैसेंजर्स बल्कि रेलवे अधिकारियों की नींद उड़ गई। एनआईए, आईबी, एसटीएफ सहित कई बड़ी जांच एजेंसियों को जांच के लिए उतरना पड़ा। इस बीच अच्छी खबर ये है कि रेलवे के मिशन ट्रैक अंडर कवर के अंतर्गत गाजियाबाद से पं। दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन तक ट्रैक को दोनों ओर से लोहे की जालियां व सीमेंटेड पिलर लगा कर कवर किया जा रहा है। जिसका 80 परसेंट काम पूरा हो चुका है। साल के अंत तक ट्रैक पूरी तरह से कवर हो जाएगा। जिसके बाद इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लग जाएगा। वहीं यह ट्रैक सेमी हाईस्पीड ट्रैक बन जाएगा और 160 किमी की स्पीड से ट्रेनें दौड़ सकेंगी।
1111 किमी ट्रैक हो चुका कवर
एनसीआर रीजन के सीपीआरओ शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि दिल्ली-हावड़ा रूट देश के सबसे बिजी और अहम रूट्स में एक है। रूट पर वंदेभारत, राजधानी, शताब्दी जैसी वीआईपी ट्रेनों सहित रोजाना 300 से अधिक ट्रेनें गुजरती हैं। लेकिन आए दिन ट्रैक पर किसी न किसी गड़बड़ी के कारण छोटे-मोटे हादसे होते हैं और रफ्तार भी प्रभावित होती है। इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए ही ट्रैक को कवर करने का फैसला लिया गया था। इस रूट का लगभग 700 किमी का हिस्सा एनसीआर रीजन में आता है। ट्रैक के दोनों साइड को जोड़ कर लगभग 1400 किमी ट्रैक को कवर करने का काम चल रहा है। 1100 किमी ट्रैक कवर हो चुका है। दिसंबर तक पूरा ट्रैक कवर हो जाएगा।
बढ़ जाएगी ट्रेनों की स्पीड
रेलवे ऑफिसर के मुताबिक दिल्ली-हावड़ा ट्रैक को कवर करने के का काम पूरा होने के बाद ट्रैक में ट्रेनों की स्पीड बढ़ा दी जाएगी। साथ ही दिल्ली-हावड़ा रूट को सेमी हाईस्पीड ट्रैक घोषित किया जाएगा। रेलवे ऑफिसर के मुताबिक ट्रैक को कवर करने के साथ ही ट्रेनों को हाईस्पीड में दौड़ाने के लिए ट्रैक व ओएचई में भी काम किया जा रहा है। संभावना जताई जा रही है कि कुछ माह में इसका भी काम पूरा हो जाएगा। जिसके बाद 160 किमी प्रति घंटे की स्पीड से ट्रेनें दौड़ सकेंगी। जबकि वर्तमान में ट्रैक पर 130 किमी प्रति घंटे की अधिकतम स्पीड है।