कानपुर (ब्यूरो)। शहर के अमन चैन के दुश्मन माफियाओं पर कानून का हमला जारी है। क्रिमिनल्स की धरपकड़ के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है। वहीं जो कानून गिरफ्त से बचने के लिए फरार चल रहे हैं उनकी प्रॉपर्टी को जब्त किया जा रहा है। कानपुर कमिश्नरेट पुलिस और शासन ने ऐसे ही सात माफियाओं की 78 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी को आइडेंटीफाई कर लिया है और उनकी कुर्की के आदेश भी जारी कर दिए हैैं। इन शातिरों ने कानपुर ही नहीं लखनऊ, बाराबंकी, दिल्ली, मुंबई और गाजियाबाद में भी अपराध के रास्ते से करोड़ों की संपत्ति बनाई है। पुलिस की एक टीम लगातार संपत्ति की तलाश कर रही है।

दो साल से चल रहे फरार

तीन जून 2022 को कानपुर देहात के परौंख में तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई वीवीआईपी मौजूद थे। इस दिन शुक्रवार था। जुमे की नमाज के बाद अचानक भीड़ निकली और पथराव, बमबाजी और फायरिंग शुरू हो गई। भीड़ चंद्रेश्वर हाते में घुसने की कोशिश कर रही थी। दंगे की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। तत्कालीन पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीना और जेसीपी आनंद प्रकाश तिवारी के प्रयासों से किसी तरह से मामला निपटा था। इसके बाद कई दर्जन लोगों पर कार्रवाई की गई थी। वहीं शफीक, अजमत, अनीस और वाहित दो साल से ज्यादा समय बीतने के बाद भी पुिलस की पकड़ से दूर हैैं। ऐसे में पुलिस ने इनकी प्रॉपर्टी को कुर्क करने की कार्रवाई शुरू की है।

कई जेल में तो कई बेल पर

इस पूरे विवाद में जो आरोपी सामने आए थे। उनमेें से कुछ लोग जमानत पर जेल से बाहर आ गए हैैं। जबकि कुछ लोगों को जेल से निकलने के बाद दूसरे मामलों में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाता है। कुल 22 लोगों पर एनएसए की कार्रवाई की जा चुकी है। पुलिस अधिकारियों की मानें तो कुछ आरोपियों की संपत्ति का चिन्हीकरण का काम अभी भी चल रहा है। आचार संहिता लगने और चुनाव की वजह से कार्रवाई रोक दी गई थी, लेकिन एक बार फिर से कार्रवाई शुरू हो गई है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि लगातार कमिश्नरेट की पुलिस इन सभी पर कड़ी कार्रवाई करने की योजना बना रही है।