कानपुर (ब्यूरो)। महाकुंभ-2025 को अद्वितीय, अविस्मरणीय बनाने के लिए योगी सरकार तमाम काम करवा रही है। संतों व श्रद्धालुओं को उत्कृष्ट सुविधा दिलाने के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च हो रहे है। इसके बीच श्रद्धालुओं को ठगने का गिरोह भी सक्रिय है या यूं कहा जाए कि साइबर शातिरों ने इस महाकुंभ को भी अवसर मान लिया है। महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में रुकवाने के लिए टेंट सिटी की ऑनलाइन बुङ्क्षकग कराई जा रही है। टूरिस्ट डिपार्टमेंट ने कानपुर कमिश्नरेट की साइबर सेल से कुछ फेक साइटों को साझा किया है। इन साइटों से कानपुराइट्स को भी लाखों का चूना लगाया जा चुका है।

टेंट कॉलोनी का पता नहीं
पर्यटन विभाग ने ऐसी आठ वेबसाइटों को साइबर सेल से साझा किया है, जिनकी टेंट सिटी व टेंट कॉलोनी का पता नहीं है, लेकिन उनकी वेबसाइट में बुङ्क्षकग करवाई जा रही है। इन फर्जी वेबसाइटों पर कानूनी कार्रवाई की तैयारी चल रही है। वहीं कमिश्नरेट का साइबर सेल ने भी अलर्ट जारी किया है और कानपुराइट्स के लिए ऑन लाइन बुकिंग के दौरान सतर्कता बरतने के लिए कहा है।

इन लोगों के साथ इस तरह से हुई है ठगी

एड देखकर बुकिंग, 20 हजार की ठगी
काकादेव निवासी विनीत ने थाना पुलिस को बताया कि उन्होंने दादा दादी के लिए ऑन लाइन एड देखकर टेंट सिटी में टेंट बुक कराने के लिए एप्लाई किया था, उनसे 20 हजार रुपये ऑनलाइन पेमेंट करा लिया गया। फेक वेबसाइट की जानकारी होने पर उन्होंने टूरिस्ट डिपार्टमेंट से संपर्क किया, तब अपने साथ हुई ठगी की जानकारी हुई।

तीन टेंट के लिए 60 हजार का फ्रॉड
ठीक इसी तरह का एक मामले स्वरूप नगर के एक अपार्टमेंट में रहने वाली फैमिली के साथ हुआ है। उनसे तीन टेंट बुक कराने के नाम पर 60 हजार रुपये की ठगी कर ली। 10 दिन बाद चेक करने पर जानकारी हुई कि वे साइबर ठगी का शिकार हो गए हैैं। उन्होंने मामले की जानकारी स्वरूप नगर थाने में दी है।

दो लाख की कर ली ठगी
साउथ सिटी के एक बड़े समाजसेवी ने भी सेवा के उद्देश्य से ऑन लाइन 10 टेंट बुक कराए थे और दो लाख रुपये जमा किए थे। समाजसेवी के मैनेजर रचित शर्मा ने बताया कि कुछ दिन बाद जब जानकारी हुई तो जिस वेबसाइट से बुकिंग कराई गई थी, उसे चेक किया गया। न वेबसाइट का पता था और न ही कोई बुकिंग की जानकारी मिली। रचित ने नौबस्ता थाने में तहरीर दी है।

साइबर सेल ने जारी किया अलर्ट
साइबर सेल अधिकारियों ने बताया कि साइबर शातिर आपकी थोड़ी सी लापरवाही करने के इंतजार में बैठे हैैं। अगर जरा सी लापरवाही हुई तो आपकी रकम तो जाती है साथ ही आपकी व्यक्तिगत जानकारियां भी साझा हो जाती है। लिहाजा जब तक किसी वेबसाइट पर पूरी तरह से असली होने की जानकारी न हो जाए, उस पर काम न करें। अगर किसी तरह से ठगी हो जाती है तो कम समय में साइबर सेल या थाना पुलिस को सूचना दें, जिससे जिस खाते में रकम गई है उसे फ्रीज किया जा सके।

कम दाम में मिलेंगी सुविधाएं
महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। उसे देखते हुए पर्यटन विभाग अरैल व झूंसी में टेंट सिटी और परेड ग्राउंड में टेंट कॉलोनी बसा रहा है, जहां कम दाम में श्रद्धालुओं को अत्याधुनिक सुविधा मिलेगी। इस बीच ठग फर्जी वेबसाइट बनाकर अरैल, झूंसी के साथ मेला क्षेत्र में बुङ्क्षकग करवाकर लोगों से पैसा ले रहे हैं। बिना जमीन और कॉटेज के टेंट कॉलोनी की बुङ्क्षकग करा रहे ठग ऑनलाइन प्रचार में एक टेंट कालोनी उल्टा किला के पास बनाने का दावा कर रहे हैं। एक-एक टेंट कालोनी का किराया न्यूनतम आठ से 15 हजार रुपये प्रतिदिन रखा गया है।