कानपुर (ब्यूरो)। प्रभारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आशीष कुमार ङ्क्षसह की कोर्ट ने शराब ठेके के दुकानदार से रंगदारी मांगने में प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित को जमानत दे दी है। हालांकि अभी 11 और मुकदमे होने के कारण उसे जेल में ही रहना होगा।
हर महीने 10 हजार
जरौली निवासी दीपू द्विवेदी ने अवनीश दीक्षित और अन्य के खिलाफ बर्रा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया था कि हरदेव नगर में उसकी देशी शराब की दुकान है। अपने को प्रेस क्लब का अध्यक्ष बताने वाले अवनीश दीक्षित ने उसे धमकाते हुए 25 हजार रुपये लिए थे। बाद में 10 हजार रुपये हर माह मांग रहे थे। पैसा न देने पर यह लोग मेरे ठेके के खिलाफ झूठी खबरें चलाते हैं। इस मुकदमे में जमानत देने के लिए सोमवार को प्रभारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया था।
दो में मिल चुकी जमानत
अवनीश के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने बताया कि अदालत ने जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार कर 20 हजार की दो जमानतें और इतनी ही धनराशि का व्यक्तिगत बंधपत्र दाखिल करने पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। अवनीश पर कुल 16 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें तीन मुकदमे पहले के हैं। अभी के 13 मुकदमों में से दो में जमानत मिल चुकी है।
नीरज की जमानत पर फैसला सुरक्षित
अपर जिला जज छह की कोर्ट ने मकान पर कब्जे और मारपीट के मामले में पत्रकार नीरज अवस्थी और मुतंजिर अंसारी की जमानत पर फैसला सुरक्षित कर लिया है। जमानत देने का विरोध करते हुए जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी दिलीप अवस्थी और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता विनोद त्रिपाठी ने बहस की।