कानपुर (ब्यूरो)। मौसम में हो रहे बदलाव और हवा में बढ़ते पॉल्यूशन ने अस्थमा पेशेंट््स की समस्या बढ़ा दी है। मुरारी लाल चेस्ट हॉस्पिटल में दमा, अस्थमा और सीओपीडी के पेशेंट की संख्या ओपीडी में दोगुनी हो गई है। डेली ओपीडी में 250 के करीब रहने वाली पेशेंट की संख्या बढक़र 500 के तक पहुंच गई है।

इसके साथ ही कोरोना संक्रमण से उभरे हुए पेशेंट भी सांस लेने की शिकायत के लेकर बड़ी संख्या में हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं। पेशेंट की संख्या को देखते हुए हॉस्पिटल में अतिरिक्त वार्ड तैयार किया जा रहा है। जिससे हॉस्पिटल में कानपुर के साथ ही आसपास के जिलों से आने वाले पेशेंट को एडमिट किया जा सके।

धुंध और धूल बढ़ा रही समस्या
मुरारी लाल चेस्ट हॉस्पिटल के एचओडी डॉ। संजय वर्मा ने बताया कि मौसम में बदलाव के साथ सांस रोगियों की संख्या में भी परिवर्तन होता है। मई-जून के माह में टीबी की समस्या से ग्रसित पेशेंट बड़ी संख्या में ओपीडी पहुंचते हैं। जबकि, अक्टूबर के अंत से फरवरी माह तक अस्थमा, दमा और सांस नली और फेफड़ों में सिकुडऩ की समस्या धुंध और धूल के सूक्ष्म कणों के कारण बढ़ जाती है। सर्दी की शुरुआत होने पर सांस के रोगी दवा में संशोधन के लिए आते हैं।

इस कारण ओपीडी में पेशेंट का लोड रहता है। उन्होंने बताया चेस्ट हॉस्पिटल में दीपावली के बाद से अचानक सांस रोगी बढ़ जाते हैं। इसको देखते हुए हॉस्पिटल में अतिरिक्त वार्ड को खोला जाएगा। इसमें आक्सीजन युक्त बेड होने से गंभीर पेशेंट का इलाज किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हॉस्पिटल में 24 घंटे पेशेंट को एडमिट कर एक्सपर्ट की देखरेख में ट्रीटमेंट दिया जा रहा है।